उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एमएसएमई विभाग की बैठक में नई फुटवियर-लेदर नीति का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश को वैश्विक फुटवियर और लेदर विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए ‘डिज़ाइन टू डिलीवरी’ मॉडल आधारित एकीकृत इकोसिस्टम तैयार होगा। इस पूरी पहल से राज्य में 22 लाख से अधिक नए रोजगार पैदा होने की संभावना जताई गई है।
क्लस्टर मॉडल पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्लस्टर आधारित औद्योगिक विकास मॉडल को प्राथमिकता दी जाए। आगरा, कानपुर और उन्नाव जैसे परंपरागत औद्योगिक केंद्रों की मौजूदगी, प्रशिक्षित श्रमबल और कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए एक व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी नीति की ज़रूरत बताई।
सीएम योगी ने कहा कि फुटवियर से जुड़ी सहायक इकाइयों जैसे बकल्स, ज़िप, सोल, इनसोल, लेस, केमिकल्स, डाइज, हील्स, थ्रेड्स, टैग्स और लेबल्स पर भी विशेष फोकस होगा। साथ ही मशीनरी निर्माण जैसे लेदर सिलाई, कटिंग, मोल्डिंग और नॉन-लेदर सेफ्टी शूज़ बनाने वाली तकनीक को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
‘लीज रेंट मॉडल’
मुख्यमंत्री ने फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स जैसे अधोसंरचना सुविधाओं की स्थापना का सुझाव दिया, ताकि औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कार्य वातावरण मिल सके। उन्होंने ‘लीज रेंट मॉडल’ की वकालत करते हुए कहा कि इससे सीमित औद्योगिक भूमि का कुशल उपयोग और निवेशकों की लागत में कमी सुनिश्चित होगी।
भूमि आवंटन में पारदर्शिता
बैठक में ‘उत्तर प्रदेश औद्योगिक आस्थान नीति’ के प्रारूप पर भी मंथन हुआ। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित नीति के तहत भूमि आवंटन ई-नीलामी, क्षेत्रीय दर और डिजिटल लीज डीड जैसी सुविधाओं के ज़रिए पारदर्शी और तेज़ बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत प्रोत्साहन, स्टाम्प ड्यूटी में छूट, बिजली और लॉजिस्टिक्स सब्सिडी और सिंगल विंडो अनुमोदन जैसी सहूलियतें दी जानी चाहिए।
एकीकृत डिजिटल प्रणाली
उन्होंने नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एकीकृत ऑनलाइन आवेदन और प्रोत्साहन वितरण प्रणाली विकसित करने के निर्देश भी दिए। इससे नीति की सभी प्रक्रियाएं डिजिटल, सुगम और ट्रैक योग्य बनेंगी। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल भारत, फुटवियर और लेदर क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है। इसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका अहम है। कानपुर और उन्नाव में 200 से अधिक सक्रिय टैनरियां हैं और आगरा को देश की फुटवियर राजधानी माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उत्पादन, डिजाइन, अनुसंधान और प्रशिक्षण को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए तो यह सेक्टर न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोज़गार के नए दरवाज़े भी खोलेगा।





