UP Shikshamitra Honorarium : उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय कब और कितना बढ़ेगा, अबतक इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर विचार करने को कहा है, इसके लिए 1 माह का समय दिया है।
वर्तमान में यूपी में प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) और अपर प्राइमरी (कक्षा 6 से 8) में करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्र हैं, जिन्हें हर माह 10 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है, जिसको बढ़ाने की वे लंबे समय से मांग कर रहे है। वर्ष 2022-23 के बजट में मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन आगे नहीं बढ़ा। अब उनकी मांग है कि मानदेय को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार किया जाए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया 1 माह का समय
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर निर्णय लेने के लिए सरकार को एक माह का और समय दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को अगली तिथि 1 मई को आदेश के अनुपालन में हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है।
बीते दिनों आई थी मानदेय वृद्धि की खबर
होली के पहले खबर आई थी कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए हाईलेवल पर सहमति बन गई है और राज्य सरकार दूसरे राज्यों के वेतन स्ट्रक्चर पर अध्ययन कर रही है। जल्द ही विभाग द्वारा हर पहलू पर विचार करने के बाद प्रस्ताव को योगी कैबिनेट में लाकर मंजूरी दी जाएगी, लेकिन फिलहाल मानदेय बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, जब मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) प्रस्ताव मांगेगा, तब ही फाइल भेजी जाएगी।
अब योगी सरकार के पास है तीन विकल्प
- पहला- इलाहाबाद हाईकोर्ट से 1 मई को जवाब देकर फिर समय मांग सकती है।
- दूसरा- हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है
- तीसरा: मानदेय में 2,000 से 5,000 रुपये तक की वृद्धि कर मामले को सुलझा सकती है।
- अब अंतिम फैसला यूपी सरकार को लेना है।राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार मानदेय में कुछ बढ़ोतरी कर सकती है, ताकी इसका असर चुनाव पर ना पड़े।