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Thu, Dec 18, 2025

उत्तर प्रदेश बनेगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल सेंटर, बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, नई नीति से अगले 5 साल में 10 लाख रोजगारों का होगा सृजन

Written by:Rishabh Namdev
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) 2025 जल्द लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस नई स्कीम के साथ अगले 5 साल में 5 अरब डॉलर का मैन्युफैक्चरिंग और 10 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तर प्रदेश बनेगा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल सेंटर, बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, नई नीति से अगले 5 साल में 10 लाख रोजगारों का होगा सृजन

उत्तर प्रदेश अब इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का अगला वैश्विक केंद्र बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राज्य सरकार को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम 2025 लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब 50 अरब डॉलर का उत्पादन और 10 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है। इस स्कीम में निवेशकों को टॉप-अप इंसेंटिव, सब्सिडी और बिजली शुल्क में छूट देने जैसे मुख्य प्रावधान हैं।

दरअसल, यह स्कीम इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स के मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करती है। इसमें केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के साथ यूपी सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन, सब्सिडी, स्टाम्प शुल्क एवं बिजली शुल्क में राहत, लॉजिस्टिक्स सहायता जैसे प्रावधान शामिल हैं।

क्या है इस स्कीम का लक्ष्य?

बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम का लक्ष्य निवेशकों को आकर्षित करना, साथ ही युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से बिजनेस में शामिल करना है। सरकार की इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा को और भी मजबूत करेगी।

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से काम हुआ

इसके साथ ही यह उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में महत्वपूर्ण योगदान देगी। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से काम हुआ है। 2023-24 में राज्य का इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर निर्यात लगभग 37,000 करोड़ रहा है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में देश में करीब 60% की हिस्सेदारी रखता है। 2024-25 तक भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग 1.13 ट्रिलियन तक पहुंच चुकी है, जबकि मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 5.45 लाख करोड़ और मोबाइल निर्यात 2 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी अपनी पकड़ को और मजबूत किया

इसके साथ ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर और भी मजबूत किए जा रहे हैं। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़ने के कारण उत्तर प्रदेश की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी और मजबूत होगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी अपनी पकड़ को और मजबूत किया है। हाल ही में फॉक्सकॉन का जेवर में 3706 करोड़ का ऑक्टा की पैकेजिंग एंड टेस्टिंग प्लांट मंजूर हो चुका है, जो 2027 तक 36 मिलियन डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स प्रति माह बनाएगा। यह लगभग 1000 करोड़ वार्षिक आउटपुट के साथ 2000 रोजगार प्रदान करेगा। इसके साथ ही केंद्र द्वारा गौतम बुद्ध नगर में 200 एकड़ में 417 करोड़ लागत वाला इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 भी मंजूर हो चुका है। यह क्लस्टर लगभग 28,000 करोड़ के निवेश और 15,000 से ज्यादा नौकरियों को प्रदान करने की उम्मीद रखता है।

इसे लेकर क्या बोले सीएम योगी?

वहीं, इस स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से उभरता क्षेत्र है। आज भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी लगभग 60% है। अपार संभावनाओं वाले इस सेक्टर का लाभ उत्तर प्रदेश को उठाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश ने औद्योगिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। अब समय है कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में भी वैश्विक मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाए। यह नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के संकल्प को मज़बूती देने के साथ-साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।