उत्तर प्रदेश में दूध के नाम पर जहर बेचने वालों की अब खैर नहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जब सिंथेटिक दूध और उससे बने पनीर जैसी चीज़ों की शिकायतें पहुंचीं, तो सीएम ने सीधे निर्देश दिए ऐसे माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लो।
इसके बाद पूरे प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) हरकत में आया। खासतौर पर सीमावर्ती जिलों सहारनपुर, आगरा, गाजियाबाद, वाराणसी आदि में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इन इलाकों में सिंथेटिक दूध का रैकेट सबसे ज्यादा सक्रिय माना जा रहा है।
क्या है मामला?
दरअसल, दूध का उत्पादन जितना हो रहा है, बाजार में उससे कई गुना ज्यादा दूध और उससे बने उत्पाद बिक रहे हैं। यानी जो मिल रहा है, वह असली नहीं, बल्कि सिंथेटिक है। इसी को लेकर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की मीटिंग में मुख्य सचिव ने भी नाराजगी जताई थी।
FSDA का एक्शन
सहारनपुर में कई लोगों पर FIR दर्ज की गई है। बुलंदशहर में इस साल की शुरुआत में सिंथेटिक दूध फैक्ट्री पकड़ी गई थी, जहां से खतरनाक केमिकल मिले थे। आगरा में सर्विलांस तेज किया गया है, क्योंकि यह राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा से सटा है।धौलपुर से वाराणसी जा रहा घी से भरा संदिग्ध ट्रक भी पकड़ा गया है। उसके सैंपल जांच को भेजे गए हैं।
अभियान रहेगा लगातार जारी
इस बार सरकार ने तय किया है कि कोई टाइम लिमिट नहीं होगी। जब तक इस मिलावटी खेल की पूरी चेन नहीं टूटेगी, अभियान चलता रहेगा। मुखबिर तंत्र को भी एक्टिव कर दिया गया है ताकि सही-सटीक इनपुट मिल सके। खुदरा व्यापारियों और डेयरियों की नियमित जांच के आदेश जारी हो चुके हैं।





