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Fri, Dec 19, 2025

एक हफ्ते में तीसरी बार अफसरों का तबादला, यूपी में फिर चली तबादला एक्सप्रेस; 12 PCS अधिकारियों की नई तैनाती

Written by:Saurabh Singh
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इस बार 12 अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हुआ है। इस लिस्ट में आगरा, कन्नौज, अमरोहा, कासगंज समेत कई ज़िलों के अधिकारी शामिल हैं।
एक हफ्ते में तीसरी बार अफसरों का तबादला, यूपी में फिर चली तबादला एक्सप्रेस; 12 PCS अधिकारियों की नई तैनाती

उत्तर प्रदेश में तबादलों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। योगी सरकार लगातार प्रशासनिक सर्जरी में जुटी हुई है। रविवार देर रात के बाद सोमवार को एक बार फिर बड़े पैमाने पर पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया गया। इस बार 12 अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हुआ है। इस लिस्ट में आगरा, कन्नौज, अमरोहा, कासगंज समेत कई ज़िलों के अधिकारी शामिल हैं।

कौन कहां गया?

  • अनूप कुमार, अपर जिलाधिकारी (नगर), आगरा को संयुक्त निदेशक, बाल विकास एवं पुष्टाहार निदेशालय, लखनऊ भेजा गया है।
  • यमुनाधर चौहान, प्रधान प्रबंधक, सहकारी चीनी मिल संघ, लखनऊ को एडीएम (नगर), आगरा बनाया गया है।
  • बृजेश कुमार त्रिपाठी, एडीएम (वि.रा.), अमरोहा को संयुक्त निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई।
  • गरिमा सिंह, मेरठ मंडल की अपर आयुक्त अब अमरोहा की एडीएम (वि.रा.) होंगी।
  • राकेश कुमार पटेल, एडीएम, कासगंज को लखनऊ मंडल का अपर आयुक्त बनाया गया है।
  • दिग्विजय प्रताप सिंह, नगर मजिस्ट्रेट इटावा को कासगंज का एडीएम (वि.रा.) बनाया गया है।
  • राजेंद्र बहादुर, उपजिलाधिकारी, इटावा को नगर मजिस्ट्रेट इटावा बनाया गया है।
  • अंबरीश कुमार बिंद, एडीएम रामपुर अब मेरठ मंडल के अपर आयुक्त होंगे।
  • संदीप कुमार वर्मा, नगर मजिस्ट्रेट रामपुर को एडीएम रामपुर बनाया गया है।
  • रेशमा सहाय, उपजिलाधिकारी यीडा को उपजिलाधिकारी लखनऊ भेजा गया है।
  • रेणुका दीक्षित, यीडा की एसडीएम को इटावा का उपजिलाधिकारी बनाया गया है।

लगातार हो रहे तबादले

यह तबादला लिस्ट पिछले सात दिनों में तीसरी बड़ी प्रशासनिक फेरबदल है। इससे पहले रविवार देर रात ही 66 पीसीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया था। उस लिस्ट में श्रद्धा पांडेय, प्रदुम्न कुमार और जय प्रकाश यादव जैसे नाम प्रमुख थे जिन्हें आगरा, कानपुर देहात और सहारनपुर में नई ज़िम्मेदारियां दी गई थीं।

वहीं 22 जुलाई को 9 वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला किया गया था। इनमें सूचना, स्वास्थ्य, लोक सेवा आयोग और मंडी परिषद जैसे अहम विभागों के पदाधिकारी शामिल थे।

क्या है संदेश?

लगातार हो रहे तबादलों को सरकार की प्रशासनिक कसावट की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके जरिए शासन स्तर पर जवाबदेही और कार्यक्षमता बढ़ाने का संदेश देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, यह तेज़ी विपक्ष के निशाने पर भी है जो इसे अधिकारियों में अस्थिरता और दबाव की राजनीति बता रहा है।