पूरे देश की नजरें उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई हैं। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। अब 14 दिसंबर को लखनऊ के पार्टी कार्यालय में बीजेपी के नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा।
यूपी में बीजेपी के नए अध्यक्ष के चयन के लिए संगठन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि 15 दिसंबर से पहले नए अध्यक्ष का नाम घोषित हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए नामांकन 13 दिसंबर को दोपहर दो बजे तक होंगे और अगले दिन 14 दिसंबर को चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस तरह से अगले 24 से 48 घंटे में प्रदेश अध्यक्ष के नाम की तस्वीर साफ हो जाएगी।
इन नेताओं के नाम की चर्चा तेज
यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए 6 नामों की चर्चा तेज हो रही है। जिसमें पहला नाम पंकज चौधरी का है। इसके बाद वीएल वर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबूराम निषाद, धर्मपाल सिंह और स्वतंत्र देव सिंह के नाम राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे हैं। हालांकि बीजेपी अपने स्तर पर काम करती है जिसकी संभावना न हो ऐसा चेहरा भी सामने ला सकती है।
चर्चा में पंकज चौधरी का नाम आगे!
बता दें कि केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम यूपी बीजेपी अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे है। वह यूपी के महाराजगंज से 7 बार के सांसद हैं। वह यूपी में बीजेपी के बड़े ओबीसी नेता हैं। पंकज चौधरी अभी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1989 में गोरखपुर नगर निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने से किया था।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष चुनाव पर बोले केशव प्रसाद मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राज्य बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी बीएल संतोष ने एक बैठक की। जिसमें राज्य BJP चीफ भूपेंद्र सिंह चौधरी, जनरल सेक्रेटरी, धर्मपाल सिंह, डिप्टी CM ब्रजेश पाठक और सभी पदाधिकारी मौजूद थे। कल नॉमिनेशन फाइल किए जाएंगे और रविवार को ऐलान किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा एक डेमोक्रेटिक पार्टी है, दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और यहां इलेक्शन प्रोसेस फॉलो किया जाता है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल 2026 में पंचायत चुनाव होने हैं और इसके बाद 2027 में विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में इन दोनों चुनावों की रणनीति को लेकर नए बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है।





