महाकुंभ को बदनाम करने वाले विपक्षी नेताओं पर भड़के योगी आदित्यनाथ, बोले- “संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो सकता है, लेकिन संक्रमित सोच का नहीं”

योगी ने कहा, सनातन धर्म के किसी आयोजन को भव्यता के साथ करना कोई अपराध है? आस्था को सम्मान देकर आगे बढ़ाना क्या कोई अपराध है? अगर ये अपराध है, तो हमारी सरकार इस अपराध को कर रही है और आगे भी करेगी।

Atul Saxena
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Yogi Adityanath angry on opposition leaders : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में विपक्ष के उन नेताओं का नाम लेकर आक्रोश जताया जो महाकुंभ को लेकर अमर्यादित टिप्पणियां कर रहे हैं। योगी ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा इनकी राजनीति विभाजनकारी है, विखंडनकारी है। मुख्यमंत्री ने कहा मुझे अफसोस होता है कि आप भाजपा से लड़ते-लड़ते भारत से लड़ने लग गए, योगी ने कहा एक संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो सकता है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं हो सकता है, वह अपने आप ही कुढ़ता रहेगा।

महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) पूर्ण होने की तरफ बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार अभी तक करीब 56 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं सनातन धर्म को अपनाने वाले और धर्म में आस्था रखने वाले लाखों श्रद्धालु अभी भी कुंभ स्नान के लिए पहुंच रहे हैं और व्यवस्थाओं की प्रशंसा कर रहे हैं लेकिन विपक्ष के नेता महाकुंभ के आयोजन और व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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योगी ने विपक्षी नेताओं की टिप्पणी सदन में गिनाई 

विपक्ष के कई नेताओं ने महाकुंभ को लेकर पिछले दिनों जो टिप्पणी सोशल मीडिया पर की हैं उसे लेकर आज विधानसभा में योगी ने पलटवार दिया, योगी ने कहा लालू यादव कहते हैं महाकुंभ फ़ालतू की बात है, ममता बनर्जी कहती है महाकुंभ मृत्यु कुंभ में बदल गया है, मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं कुंभ भगदड़ में हजारों लोग मारे गए, जाया बच्चन कहती हैं आज सबसे बड़ा मुद्दा कुंभ भगदड़ है, वहां व्यवस्था आम आदमी के लिए वीआईपी के लिए है, भगदड़ में मरे लोगों के शव गंगा में बहा दिए जिससे पानी प्रदूषित हो गया और यही पानी लोगों के यहाँ पहुंच रहा है।

यदि ये अपराध है तो हमारी सरकार इस अपराध को करती रहेगी 

योगी ने कहा, क्या सनातन धर्म का अनुयायी होना, सनातन धर्म के किसी आयोजन को भव्यता के साथ करना कोई अपराध है? आस्था को सम्मान देकर आगे बढ़ाना क्या कोई अपराध है? अगर ये अपराध है, तो हमारी सरकार इस अपराध को कर रही है और आगे भी करेगी।

संक्रमित सोच का व्यक्ति अपने आप ही कुढ़ता रहेगा

योगी ने कहा आप लोगों ने जो बात कही हमें उसका बुरा नहीं लगता क्योंकि ये हम जानते कि ये आपकी प्रवृत्ति है क्योंकि हमलोग इस बात को भी मानते हैं कि एक संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो सकता है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं हो सकता है, वह अपने आप ही कुढ़ता रहेगा। इसलिए इस महान आयोजन को करने का अवसर हमारी सरकार को मिला।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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