राहुल गांधी पर भड़के योगी, बोले- बाबा साहब के संविधान की प्रस्तावना को बदलने वाले किस मुंह से संविधान लेकर घूम रहे

योगी ने कहा कि कांग्रेस ने तो संविधान की प्रस्तावना को ही बदल दिया, बाबा साहब ने जो ड्राफ्ट संविधान सभा को सौंपा था उसकी प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं थे लेकिन इमरजेंसी के सामान्य कांग्रेस ने चुपचाप इन दोनों शब्दों को उसमें जोड़ दिया इससे बड़ा अपमान बाबा साहब का और क्या हो सकता है ?

Atul Saxena
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Yogi Adityanath, angry Rahul Gandhi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज संविधान को लेकर कांग्रेस पर हमला किया है, उन्होंने गोरखपुर में ‘संविधान गौरव अभियान’ के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक बार नहीं बार बार बाबा साहब को अपमानित करने का काम किया है, योगी ने कहा कि बाबा साहब ने जो ड्राफ्ट संविधान सभा को सौंपा था उसकी प्रस्तावना को ही कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए बदल दिया, फिर किस मुंह से राहुल गांधी संविधान को हाथ में उठाकर घूमते हैं और जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास करते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा संविधान’ किसी भी संप्रभु संपन्न राष्ट्र के नागरिकों का स्वाभिमान होता है , ये संविधान हमें बाबा साहब के कारण ही मिला है, इसका हम सभी को सम्मान करना चाहिए लेकिन कांग्रेस ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को अपमानित करने के लिए कोई षड़यंत्र नहीं छोड़ा।

कांग्रेस जवाब दे उसने बाबा साहब का एक भी स्मारक क्यों नहीं बनाया 

योगी ने कहा,  बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर से संबंधित पांच स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय स्मारक बनाने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है, इसे पंच तीर्थ कहा कांग्रेस ने अपने नेताओं के बड़े-बड़े स्मारक बनाए, लेकिन बाबा साहब का एक भी स्मारक नहीं बनवाया, एक भी स्मारक नहीं बनने दिया, ऐसा क्यों किया कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब है ?

राहुल गांधी किस मुंह से संविधान लेकर घूम रहे 

राहुल गांधी किस मुंह से संविधान लेकर जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं कांग्रेस का हर कृत्य आज भी वही है, उसमें तनिक भी कुछ बदला नहीं है , योगी ने कहा कि कांग्रेस ने तो संविधान की प्रस्तावना को ही बदल दिया, बाबा साहब ने जो ड्राफ्ट संविधान सभा को सौंपा था उसकी प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं थे लेकिन इमरजेंसी के सामान्य कांग्रेस ने चुपचाप इन दोनों शब्दों को उसमें जोड़ दिया इससे बड़ा अपमान बाबा साहब का और क्या हो सकता है ?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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