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Tue, Dec 16, 2025

‘एक पेड़ गुरु के नाम’ अभियान, योगी सरकार ने शिक्षकों को समर्पित किया वृक्षारोपण; दिया खास संदेश

Written by:Saurabh Singh
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योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है। पौधरोपण महाभियान-2025 के तहत सरकार ने एक दिन में 36.21 करोड़ से अधिक पौधे रोपकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
‘एक पेड़ गुरु के नाम’ अभियान, योगी सरकार ने शिक्षकों को समर्पित किया वृक्षारोपण; दिया खास संदेश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सम्मान को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठा कदम उठाया है। पौधरोपण महाभियान-2025 के तहत सरकार ने एक दिन में 36.21 करोड़ से अधिक पौधे रोपकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया। इसी अभियान के अंतर्गत शिक्षक दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ गुरु के नाम’ पहल शुरू की जाएगी, जिसमें शिक्षकों के सम्मान में सभी वन प्रभागों में पौधरोपण किया जाएगा। लखनऊ के कुकरैल में वन विभाग के सेवानिवृत्त और वर्तमान अधिकारी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे।

पौधरोपण महाभियान-2025 की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या से की थी। इस अभियान के तहत 9 जुलाई को पूरे प्रदेश में 37.21 करोड़ पौधे रोपे गए, जो तय लक्ष्य 37 करोड़ से 21.40 लाख अधिक है। इस दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ थीम के तहत विशिष्ट वनों की स्थापना भी की गई। अभियान का विस्तार आजमगढ़ और गोरखपुर तक हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने स्वयं पौधरोपण किया।

कुकरैल में स्मृति वाटिका में पौधरोपण अभियान

शिक्षक दिवस के मौके पर लखनऊ के कुकरैल में स्मृति वाटिका में पौधरोपण अभियान आयोजित होगा। प्रभागीय वनाधिकारी सितांशु पांडेय के अनुसार, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को स्मृति चिह्न के रूप में पौधे भेंट किए जाएंगे। इसी तरह, वाराणसी में आईआईटी (बीएचयू) में प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव की देखरेख में ‘एक पेड़ गुरु के नाम’ के तहत पौधरोपण होगा। यह पहल शिक्षकों के प्रति सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

‘एक पेड़ गुरु के नाम’

मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि 5 सितंबर को प्रदेश के सभी वन प्रभागों में ‘एक पेड़ गुरु के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस वर्ष कई विशिष्ट वन स्थापित किए गए हैं, जिनमें एकलव्य वन भी शामिल है। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में शिक्षकों के योगदान को भी सम्मानित करेगा।