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Fri, Dec 19, 2025

बाराबंकी घटना के बाद योगी सरकार ऐक्शन में, यूपी के सभी कॉलेज-विश्वविद्यालयों की होगी गहन जांच

Written by:Saurabh Singh
Published:
प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में जांच के लिए विशेष टीमें गठित करें। इन टीमों में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी और शिक्षा विभाग का एक अधिकारी शामिल होगा।
बाराबंकी घटना के बाद योगी सरकार ऐक्शन में, यूपी के सभी कॉलेज-विश्वविद्यालयों की होगी गहन जांच

बाराबंकी के श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (एसआरएमयू) में लॉ फैकल्टी की मान्यता को लेकर हुए विवाद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले में विशेष जांच टीमें गठित की जाएंगी, जो शैक्षणिक संस्थानों की वैधानिकता और कोर्स की मान्यता की जांच करेंगी।

प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में जांच के लिए विशेष टीमें गठित करें। इन टीमों में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस अधिकारी और शिक्षा विभाग का एक अधिकारी शामिल होगा। जांच के दौरान सभी संस्थानों से मान्यता प्राप्त कोर्स संचालित करने का शपथ पत्र लिया जाएगा, साथ ही पाठ्यक्रमों की सूची और मान्यता पत्र की जांच अनिवार्य होगी। यदि किसी संस्थान में अवैध कोर्स या अनियमित प्रवेश पाया गया, तो तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अवैध कोर्स चलाने वालों पर कठोर कार्रवाई

योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि अवैध कोर्स या फर्जी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल संस्थानों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई होगी। ऐसे संस्थानों को छात्रों से ली गई फीस ब्याज सहित वापस करनी होगी। यह कदम छात्रों के हितों की रक्षा और शैक्षणिक संस्थानों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में कोई भी संस्थान अनियमितता के साथ संचालित न हो।

15 दिनों में जमा होगी जांच रिपोर्ट

सरकार ने सभी जिलों को 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने का निर्देश दिया है। मंडलायुक्त इस प्रक्रिया की सीधी निगरानी करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। जांच प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी, ताकि शैक्षणिक संस्थानों में अनियमितताओं को जल्द से जल्द उजागर किया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।