उत्तर प्रदेश में स्कूलों के विलय को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब एक किलोमीटर से अधिक दूरी वाले और 50 से अधिक छात्रों वाले किसी भी स्कूल का मर्जर नहीं होगा। इसके साथ ही यदि इन मानकों के विपरीत पहले से कोई पेयरिंग (स्कूल विलय) की जा चुकी है, तो उसे भी एक सप्ताह के भीतर समाप्त किया जाएगा। यह घोषणा राज्य के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला छात्रों और प्रदेश हित में लिया गया है और किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों की नौकरियों पर नहीं आएगा असर
संदीप सिंह ने कहा कि स्कूलों के मर्जर के नाम पर भ्रांतियां और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि
“हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसी भी शिक्षक का स्वीकृत पद समाप्त नहीं होगा। सभी पद यथावत रहेंगे। स्कूल बंद नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि भविष्य में छात्र संख्या बढ़ने पर इन्हीं स्कूलों का उपयोग होगा।”
स्कूलों में खुलेंगी बाल वाटिकाएं
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिन स्कूलों में फिलहाल छात्र नहीं हैं, वहां प्री-प्राइमरी एजुकेशन (बाल वाटिका) शुरू की जाएगी, जिससे इन स्कूलों का बेहतर उपयोग हो सके। मंत्री संदीप सिंह ने यह भी कहा कि
“अगर किसी अभिभावक को पेयरिंग से दिक्कत हो रही है, तो वह अपने जिले के बीएसए ऑफिस में विशेष रूप से बनाए गए सेल में शिकायत दर्ज करवा सकता है। सभी शिकायतों का निपटारा अगले एक सप्ताह के भीतर किया जाएगा।”
2017 के बाद से शिक्षा में हुआ सुधार
मंत्री ने दावा किया कि 2017 के बाद यूपी में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में जमीन-आसमान का फर्क आया है। उन्होंने कहा कि “2017 से पहले स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं थीं। लोग बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने से डरते थे। अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है।” उन्होंने बताया कि इस वर्ष ही 27.53 लाख नए बच्चों का नामांकन हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकारी स्कूलों में लोगों का भरोसा बढ़ा है।
नई भर्ती भी होगी
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अब तक 20,182 शिक्षकों का समायोजन उनकी सहमति से किया जा चुका है। इसके साथ ही छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने के लिए नई शिक्षकों की भर्ती भी जल्द की जाएगी।





