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Fri, Dec 19, 2025

मेरठ की अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी में गरजा योगी का बुलडोजर, अवैध निर्माण हुआ ध्वस्त

Written by:Saurabh Singh
Published:
शिकायत के आधार पर डीएम ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर डॉ. दीक्षा जोशी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की, जिसमें सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी और आवास विकास के एसई राजीव कुमार शामिल हैं।
मेरठ की अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी में गरजा योगी का बुलडोजर, अवैध निर्माण हुआ ध्वस्त

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में योगी सरकार ने अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। हापुड़ रोड पर स्थित अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी में आवास विकास और पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने बुलडोजर चलाकर लगभग 300 मीटर क्षेत्र में बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेन्द्र तोमर की शिकायत के बाद शुरू हुई, जिसमें कॉलोनी में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। जांच और कार्रवाई का सिलसिला लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा।

शिकायत के आधार पर डीएम ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर डॉ. दीक्षा जोशी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की, जिसमें सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी और आवास विकास के एसई राजीव कुमार शामिल हैं। शिकायत में दावा किया गया कि अब्दुल्ला रेजीडेंसी में हिंदू समुदाय के लोगों को स्थान नहीं दिया जा रहा है, हालांकि बिल्डर ने इन आरोपों का खंडन किया है। जांच कमेटी कॉलोनी से संबंधित आठ बिंदुओं पर जांच कर रही है, जिसमें जमीन के रिकॉर्ड, मानचित्र और निर्माण की वैधता शामिल है।

300 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा

जांच के दौरान कमेटी ने कॉलोनी की पैमाइश की, जिसमें 300 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया। अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया कि कॉलोनी का स्वीकृत मानचित्र 22 हजार वर्ग मीटर का था, लेकिन मौके पर अतिरिक्त 300 मीटर जमीन पर निर्माण मिला। इसके बाद आवास विकास की टीम ने अवैध बाउंड्रीवॉल को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। बिल्डर को अब इस अतिरिक्त जमीन को छोड़कर नई बाउंड्री बनानी होगी।

भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहने की संभावना

यह कार्रवाई अवैध निर्माण के खिलाफ योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। जांच कमेटी अब जमीन की प्रकृति, स्वामित्व और मानचित्र की वैधता से संबंधित अन्य पहलुओं की गहन जांच कर रही है। अधिकारियों ने जांच पूरी होने तक किसी भी टिप्पणी से इनकार किया है। इस कार्रवाई से मेरठ में अवैध निर्माण के खिलाफ सख्ती का संदेश दिया गया है, और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहने की संभावना है।