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Sun, Dec 21, 2025

उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून होंगे और सख्त, मुख्यमंत्री धामी ने दिए कड़े कदम उठाने के निर्देश

Written by:Vijay Choudhary
Published:
बैठक के दौरान हाल ही में यूपी और उत्तराखंड पुलिस द्वारा पकड़े गए तथाकथित "छांगुर गिरोह" के मामले पर विशेष चर्चा हुई, जो धर्मांतरण गतिविधियों में लिप्त बताया गया है।
उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून होंगे और सख्त, मुख्यमंत्री धामी ने दिए कड़े कदम उठाने के निर्देश

सीएम धामी की मीटिंग

उत्तराखंड में बढ़ते कथित धर्मांतरण मामलों पर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कानून को और कड़ा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि धर्मांतरण विरोधी कानून को और प्रभावशाली बनाया जाए। बैठक के दौरान हाल ही में यूपी और उत्तराखंड पुलिस द्वारा पकड़े गए तथाकथित “छांगुर गिरोह” के मामले पर विशेष चर्चा हुई, जो धर्मांतरण गतिविधियों में लिप्त बताया गया है।

धर्मांतरण की हर साजिश को तुरंत कुचलें

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड न केवल एक सीमावर्ती राज्य है, बल्कि यह सनातन संस्कृति की पवित्र भूमि भी है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि “यहां जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को हर कीमत पर रोका जाए।” मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देशित किया कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें और राज्य के धर्मांतरण विरोधी कानून को सख्ती से लागू करें। धामी ने कहा कि समाज के भोले-भाले लोगों को ठगने और बहकाने की कोशिश करने वाले तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धर्मांतरण के जाल में फंसे हैं, उन्हें सही परामर्श और संरक्षण दिया जाए ताकि वे फिर से अपनी मूल आस्था में लौट सकें।

ऑपरेशन कालनेमि को मिलेगा स्थायी स्वरूप

मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण मामलों की निगरानी के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने के निर्देश दिए हैं, जो सीधे पुलिस मुख्यालय स्तर पर काम करेगी। यह टीम “ऑपरेशन कालनेमि” जैसे अभियानों की निगरानी और विस्तार करेगी। यह ऑपरेशन विशेष रूप से उन लोगों के खिलाफ चलाया गया था जो साधु-संतों के भेष में रहकर सनातन धर्म को बदनाम करने और धर्मांतरण की साजिशें रचते थे। इस अभियान के तहत उत्तराखंड और यूपी पुलिस ने हाल ही में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। धामी ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि केवल एक शुरुआत है और इसे पूरे राज्य में स्थायी मुहिम के रूप में जारी रखा जाएगा।

धर्म स्वतंत्रता अधिनियम को कड़ा बनाया जाएगा

धामी सरकार राज्य के धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 (संशोधित 2022) को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है। वर्तमान कानून के तहत जबरन, धोखाधड़ी या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराना एक संज्ञेय व गैर-जमानती अपराध है, जिसमें 3 से 10 साल तक की सजा और 50,000 रुपये का न्यूनतम जुर्माना है। इसके अलावा, अदालत आरोपी को पीड़ित को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा देने का आदेश भी दे सकती है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कानून में और अधिक सख्ती लाने के लिए संभावित संशोधनों की सूची जल्द से जल्द तैयार की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इसका दुरुपयोग न हो और किसी निर्दोष को परेशानी का सामना न करना पड़े।