उत्तराखंड की राजधानी देहरादून देश भर के जनसंपर्क और संचार पेशेवरों के सबसे बड़े समागम का गवाह बनने जा रही है। 13 से 15 दिसंबर तक यहां पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) की 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित वार्षिक सम्मेलन में सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट जगत, पीएसयू, शिक्षण संस्थानों और मीडिया से जुड़े दिग्गज एक मंच पर जुटेंगे।
PRSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक ने बताया कि यह जनसंपर्क क्षेत्र का देश का सबसे बड़ा आयोजन है। इस वर्ष सम्मेलन की मुख्य थीम “विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी — Empowering Growth, Preserving Roots” रखी गई है। तीन दिनों तक चलने वाले इस मंथन में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे पब्लिक रिलेशंस (PR) राष्ट्र निर्माण, तकनीक और जनभागीदारी में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री धामी करेंगे उद्घाटन
सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ 13 दिसंबर को दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। उद्घाटन के बाद तकनीकी सेशंस का दौर शुरू होगा, जिसमें नवाचार और उत्तराखंड की विकास यात्रा पर केंद्रित चर्चाएं होंगी।
25 साल का उत्तराखंड और भविष्य की दिशा
सम्मेलन के दूसरे दिन, यानी 14 दिसंबर को पहला सत्र ’25 वर्ष का उत्तराखंड और आगे की दिशा’ विषय पर होगा। इसमें राज्य के वरिष्ठ IAS अधिकारी अन्य प्रशासनिक अधिकारी अपने विचार रखेंगे।
इसके अलावा ‘विकसित भारत @2047 में मीडिया और जनसंपर्क की भूमिका’ पर भी एक विशेष सत्र आयोजित होगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया शिक्षक शामिल होंगे।
रूस के प्रतिनिधिमंडल की विशेष उपस्थिति
इस बार का सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय महत्व का भी होगा। ‘इंडो–रशियन पब्लिक रिलेशंस एंड मीडिया फोरम’ सत्र में रूस से आए प्रतिनिधि माइकल मस्लोव, सुश्री दाव्यदेंको यूलिया और अन्ना तलानीना हिस्सा लेंगे। यह सत्र भारत और रूस के बीच व्यापार, डिजिटल संचार और उपभोक्ता व्यवहार पर केंद्रित होगा। इसकी अध्यक्षता प्रो. चारुलता सिंह करेंगी।
साइबर क्राइम और AI पर मंथन
सम्मेलन के अंतिम दिन, 15 दिसंबर को ‘साइबर क्राइम, मिसइन्फॉर्मेशन और AI’ जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा होगी। एसटीएफ के एएसपी अंकुश मिश्रा साइबर अपराध और फेक न्यूज की चुनौतियों पर बात करेंगे, जबकि डॉ. ताहा सिद्दीकी और विनय जायसवाल एआई आधारित कार्यशाला का संचालन करेंगे।
तीन दिवसीय इस महाकुंभ का समापन 15 दिसंबर को दोपहर 2:30 बजे होगा। आयोजन में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक व्यंजनों की भी झलक देखने को मिलेगी, जो देश-विदेश से आए मेहमानों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।





