उत्तराखंड सरकार ने सरकारी जमीनों पर बने अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ अपनी मुहिम को एक बार फिर तेज कर दिया है। शुक्रवार को देहरादून और नैनीताल जिले में प्रशासन ने तीन अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया। इन मजारों को करीब दो हफ्ते पहले चिन्हित किया गया था। प्रशासन ने इनके निर्माण को अवैध मानते हुए पहले नोटिस जारी किया, और तय समय बीतने के बाद कार्रवाई की गई।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, एक मजार सरकारी स्कूल परिसर में बनी हुई थी जबकि दूसरी मजार एक बड़े रिसॉर्ट के अंदर स्थित थी। खास बात यह रही कि रिसॉर्ट मालिक ने स्वयं प्रशासन का सहयोग करते हुए इस अवैध निर्माण को हटवाने की सहमति दी।
मजारों के नीचे कोई अवशेष नहीं मिले
जब इन धार्मिक ढांचों को तोड़ा गया, तो प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वहां किसी भी प्रकार के धार्मिक अवशेष जैसे कब्र, चिह्न या कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिला। मजारें पूरी तरह सीमेंट और ईंट से बनी थीं, जिन्हें बुलडोजर की मदद से गिराया गया और मलबा डंपर में भरकर ले जाया गया।
नैनीताल के एडीएम विवेक राय ने बताया कि इन ढांचों को हटाने की प्रक्रिया शांतिपूर्वक और कानून के दायरे में रहकर पूरी की गई। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
अब तक 541 मजारें हटाई जा चुकी हैं
उत्तराखंड सरकार की यह कार्रवाई कोई एक-दो दिन की मुहिम नहीं, बल्कि एक लंबे अभियान का हिस्सा है। राज्य सरकार अब तक 541 अवैध मजारों को सरकारी जमीन से हटवा चुकी है। प्रशासन का कहना है कि इन ढांचों के नीचे कोई धार्मिक अवशेष नहीं मिले, जिससे यह साबित होता है कि ये संरचनाएं बाद में जबरन बनाई गई थीं।
अब तक करीब 7000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है। हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर जैसे जिलों में इस तरह के ढांचे तेजी से हटाए जा रहे हैं।
सीएम धामी की सख्त चेतावनी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही साफ कर चुके हैं कि सरकारी जमीनों पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि यह अभियान केवल मजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि किसी भी धर्म या समुदाय द्वारा किए गए अवैध कब्जों को हटाया जाएगा।
सीएम धामी के अनुसार, ये कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने और सरकारी संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत चुनावों के कारण यह अभियान कुछ समय के लिए धीमा हो गया था, लेकिन अब इसे पूरी ताकत से दोबारा शुरू किया गया है।





