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Fri, Dec 19, 2025

हरिद्वार की त्रासदी के बाद खुले मनसा देवी मंदिर के द्वार, पैदल मार्ग पर एहतियात के नए नियम लागू

Written by:Vijay Choudhary
Published:
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए स्थायी और प्रभावी व्यवस्था की जाए।
हरिद्वार की त्रासदी के बाद खुले मनसा देवी मंदिर के द्वार, पैदल मार्ग पर एहतियात के नए नियम लागू

मनसा देवी मंदिर

हरिद्वार के पावन मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ की दुखद घटना के बाद सोमवार को मंदिर श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया। हालांकि प्रशासन ने इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और भीड़ नियंत्रण के लिए नई व्यवस्था लागू की है। घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है, लेकिन सोमवार होने के कारण मंदिर में फिर एक बार भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

रविवार की भगदड़ में गई 8 जानें

रविवार को मनसा देवी मंदिर के पास भगदड़ मच जाने से 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए थे। हादसे के वक्त मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। सीमित मार्ग और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए गए हैं ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके।

सीढ़ियों वाला मार्ग बंद,अन्य मार्गों पर नियंत्रण

प्रशासन ने हादसे से सबक लेते हुए मंदिर तक पहुंचने वाले सीढ़ियों वाले पैदल मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया है। अब श्रद्धालुओं के लिए केवल वैकल्पिक मार्ग से ही प्रवेश और निकास की अनुमति है। इसके अलावा, इन मार्गों पर एक तरफा व्यवस्था लागू की गई है, एक रास्ता सिर्फ चढ़ाई के लिए और दूसरा उतरने के लिए निर्धारित किया गया है। इससे श्रद्धालुओं की भीड़ एक ही स्थान पर जमा नहीं हो रही और आवाजाही सुचारु रूप से हो रही है।

बैरिकेडिंग से हो रहा है भीड़ नियंत्रण

मंदिर परिसर के प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर के अंदर तक हर जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। रविवार की तुलना में अब सुरक्षा व्यवस्था को कई गुना मजबूत किया गया है। प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। अत्यधिक भीड़ की स्थिति में श्रद्धालुओं को पहले ही रोक दिया जाता है, ताकि मंदिर परिसर में अनावश्यक भीड़ न बढ़े। फिर भी सोमवार होने के कारण मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिली, और कई स्थानों पर खड़े होने की भी जगह नहीं बची थी।

मुख्यमंत्री धामी ने लिया जायजा

घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार और ऋषिकेश के अस्पतालों का दौरा कर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को हर संभव सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए स्थायी और प्रभावी व्यवस्था की जाए।