उत्तराखंड के हरिद्वार में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन और वन विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। विश्व प्रसिद्ध हर की पौड़ी, माया देवी और मनसा देवी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक दरगाह को वन विभाग ने नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई राजाजी नेशनल पार्क की संरक्षित वनभूमि पर किए गए अतिक्रमण को लेकर की गई है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र की लगभग पांच बीघा जमीन पर हजरत सैयद सुल्तान शाह दरगाह का निर्माण किया गया है। विभाग ने इस संरचना को प्रथम दृष्टया अवैध मानते हुए वहां नोटिस चस्पा कर दिया है। यह कदम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस आदेश के तहत उठाया गया है, जिसमें उन्होंने वनभूमि पर किसी भी तरह के धार्मिक अतिक्रमण को बर्दाश्त न करने की बात कही थी।
15 दिनों का अल्टीमेटम
हरिद्वार रेंज कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था के पास इस भूमि के स्वामित्व, अधिकार या निर्माण से जुड़े कोई वैध दस्तावेज हैं, तो उन्हें 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करना होगा। वन विभाग ने सख्त चेतावनी दी है कि यह समय सीमा समाप्त होने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।
विभाग ने अपने अल्टीमेटम में साफ कहा है कि अगर तय समय के भीतर वैध दस्तावेज नहीं दिखाए गए, तो पूरी संरचना को अवैध घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। इसे धामी सरकार के ‘बुलडोजर मॉडल’ के तौर पर देखा जा रहा है, जो राज्य में अवैध कब्जों के खिलाफ लगातार सक्रिय है।
‘लैंड जिहाद’ पर जीरो टॉलरेंस
उत्तराखंड सरकार राज्य में ‘लैंड जिहाद’ और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई मंचों से स्पष्ट किया है कि धार्मिक ढांचे की आड़ में वनभूमि पर कब्जा अब नहीं चलेगा। राजाजी टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्रों में लगातार चिन्हित किए जा रहे अवैध निर्माणों पर विभाग पैनी नजर बनाए हुए है।
ताजा कार्रवाई इसी अभियान का हिस्सा है। वन विभाग का कहना है कि संरक्षित वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार का पक्का निर्माण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है। नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद प्रशासन आगे की कार्रवाई के लिए तैयार है।





