नैनीताल जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बीते दिनों काफी बवाल हुआ। कांग्रेस ने चुनाव में धांधली, वोट चोरी और सदस्यों के अपहरण तक के आरोप लगाए। 14 अगस्त को जब मतदान हुआ, उसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया।
कांग्रेस लगातार चुनाव को रद्द करने और दोबारा कराने की मांग कर रही थी। वहीं चुनाव अधिकारी ने मामले को कैमरे की निगरानी में रखा और गुप्त रूप से वोटों की गिनती कर परिणाम को सुरक्षित कर दिया। अब कोर्ट में सुनवाई से पहले ही चुनाव अधिकारी ने चुनाव परिणाम जारी कर दिए।
1 वोट से जीती बीजेपी की दीपा दर्मवाल
घोषित नतीजों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार दीपा दर्मवाल ने कांग्रेस की पुष्पा नेगी को सिर्फ 1 वोट से हरा दिया। कुल 22 सदस्यों ने वोट डाला, जिनमें से 11 वोट दीपा को मिले, 10 पुष्पा को और 1 वोट निरस्त कर दिया गया। इस चुनाव को लेकर खास बात यह रही कि 14 अगस्त को 5 सदस्यों के कथित अपहरण की खबरें भी आई थीं, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था। फिर भी वोटिंग हुई और गुपचुप तरीके से गिनती भी कर ली गई।
उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की देवकी बिष्ट की टॉस से जीत
अध्यक्ष पद पर हारने के बाद कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद पर थोड़ी राहत मिली। यहां कांग्रेस की देवकी बिष्ट और बहादुर नगदली को 11-11 वोट मिले। चूंकि वोट बराबर थे, इसलिए निर्णय टॉस के जरिए किया गया, जिसमें देवकी बिष्ट की जीत हुई।
हालांकि दिलचस्प बात यह रही कि चुनाव अधिकारी ने गलती से अध्यक्ष पद का प्रमाण पत्र भी देवकी बिष्ट के नाम पर जारी कर दिया, जबकि वो अध्यक्ष नहीं बल्कि उपाध्यक्ष बनी हैं। देवकी बिष्ट अभी तक प्रमाण पत्र लेने नहीं पहुंचीं, जिससे स्थिति और उलझ गई है।
हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित, लेकिन नतीजे घोषित
इस पूरे मामले की सुनवाई उत्तराखंड हाईकोर्ट में अभी चल रही है, लेकिन इसके बावजूद चुनाव अधिकारी ने कैमरे के सामने वोटों की गिनती करके परिणाम को कोषागार में सुरक्षित रखा और अब उसे सार्वजनिक कर दिया है। यह फैसला कोर्ट के निर्णय से पहले आया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल और बढ़ गई है। कांग्रेस इस पूरे मामले को लेकर अब भी विरोध कर रही है और चुनाव में दोबारा मतदान की मांग कर रही है।





