हिमालय की आध्यात्मिकता को अपने में समेटे हुए उत्तराखंड (Uttarakhand) इस साल अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। जब उत्तराखंड अलग राज्य बना था तब इसक नाम उत्तरांचल रखा गया था लेकिन साल 2007 में इसे आधिकारिक रूप से उत्तराखंड नाम दिया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उत्तराखंड पहुंचे। जहां उन्होंने राज्य के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
उत्तराखंड की वर्षगांठ के रजत जयंती समारोह में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास सहित कई प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ीं हैं। उन्होंने 28,000 किसानों के खाते में फसल बीमा योजना की 62 करोड़ रुपये की राशि भी डाली।
PM मोदी ने गढ़वाली में शुरू किया अपना संबोधन
पीएम मोदी ने गढ़वाली में अपना संबोधन शुरू किया। दीदी भुल्यों…दाणा सयाणों। आप सभी तैं म्यार नमस्कार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़वाली में संबोधन की शुरुआत की तो लोग उत्साह और जोश से भर गए। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड का मन प्रफुल्लित है। 9 नवंबर का ये दिन एक लंबी तपस्या का फल है। आज का दिन हम सभी को गर्व का अहसास करा रहा है। कहा कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता ने जो सपना देखा था वो अटल जी की सरकार में 25 साल पहले पूरा हुआ था।
भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है उत्तराखंड
पीएम मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड, भारत के आध्यात्मिक जीवन की धड़कन है। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जागेश्वर और आदि कैलाश, ये तीर्थ हमारे विश्वास और आस्था के प्रतीक हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की यात्रा पर आते हैं। उनकी यह यात्रा भक्ति का मार्ग खोलती है, साथ ही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरती है।
उत्तराखंड की बदलती तस्वीर
प्रधानमंत्री ने ने कहा कि 25 साल पहले जब उत्तराखंड नया-नया बना था, तब चुनौतियां कम नहीं थीं। राज्य को विकास की पटरी पर लाने के लिए कई संघर्षों का सामना करना था। संसाधन सीमित थे, बजट छोटा था, आय के स्रोत कम थे, और ज्यादातर जरूरतें केंद्र की सहायता से पूरी होती थीं। आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। संघर्षों से लड़कर राज्य को नया आयाम मिला है। 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट 4 हजार करोड़ रुपये का था, आज यह बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। पिछले 25 साल में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ चुका है। पिछले 25 साल में उत्तराखंड में सड़कों की लंबाई दोगुनी हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड जिस ऊंचाई पर है, उसे देखकर हर उस व्यक्ति का खुश होना स्वाभाविक है, जिन्होंने राज्य के लिए संघर्ष किया था। मुझे इस बात कि खुशी है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य को नई ऊंचाई देने में जुटी है। मैं रजत जयंती की बधाई देता हूं।
बता दें कि उत्तराखंड स्थापना दिवस राज्य के लोगों के दिलों में विशेष महत्व रखता है। यह दिन राज्य की उस परंपरा का भी प्रतीक है जिसमें प्रकृति के साथ तालमेल और सम्मान का भाव देखा जाता है। बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों से लेकर केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे तीर्थस्थलों तक, उत्तराखंड आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का सुंदर मेल है।





