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Tue, Dec 9, 2025

सीएम धामी ने 142 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को सौंपे नियुक्ति पत्र, बोले “अब मेरिट पर मिल रही हैं सरकारी नौकरियां”

Written by:Ankita Chourdia
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 142 नव-नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर्स को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। सीएम ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अब तक 17 लाख से अधिक मरीजों का 3300 करोड़ रुपये का कैशलेस इलाज हो चुका है।
सीएम धामी ने 142 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को सौंपे नियुक्ति पत्र, बोले “अब मेरिट पर मिल रही हैं सरकारी नौकरियां”

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास के ‘मुख्य सेवक सदन’ में आयोजित एक समारोह में 142 असिस्टेंट प्रोफेसर्स को नियुक्ति पत्र सौंपे। ये सभी नियुक्तियां राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की गई हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए उनसे चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्ता लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने छात्रों को न केवल अच्छी शिक्षा दें, बल्कि उनके भीतर सेवा भाव और मानवीय संवेदनाएं भी विकसित करें।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और आयुष्मान योजना

मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार हर नागरिक तक सस्ती और सुलभ चिकित्सा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आयुष्मान योजना की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदेश में अब तक करीब 61 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।

“आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के 17 लाख से अधिक मरीजों का 3300 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैशलेस उपचार किया गया है। यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है।” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

हर जिले में मेडिकल कॉलेज का लक्ष्य

राज्य के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की दिशा में काम कर रही है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को उनके जिले में ही आधुनिक इलाज मिल सकेगा। उन्होंने जानकारी दी कि पांच मेडिकल कॉलेज पहले से संचालित हैं, जबकि दो अन्य का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा, देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी विभाग भी शुरू किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में बन रहे राज्य के पहले आधुनिक कैंसर संस्थान और जीवन रक्षक साबित हो रही हेली एंबुलेंस सेवा का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि टेलीमेडिसिन के जरिए अब गांवों में बैठे मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श मिल रहा है और पैथोलॉजिकल जांचें भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियुक्तियां

भर्ती परीक्षाओं में सुधार पर बात करते हुए सीएम धामी ने कहा कि पहले भर्तियों में धांधली और भ्रष्टाचार की शिकायतें आम थीं, लेकिन अब राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब सभी चयन प्रक्रियाएं पूरी तरह मेरिट के आधार पर हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक प्रदेश के लगभग 27 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है। असिस्टेंट प्रोफेसर्स के अलावा 1248 नर्सिंग अधिकारियों और 170 तकनीशियनों की नियुक्तियां भी की गई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जहां भी पद खाली हैं, उन्हें जल्द आयोग के माध्यम से भरा जाएगा। अभी 356 अन्य असिस्टेंट प्रोफेसर्स और करीब 600 नर्सिंग अधिकारियों की चयन प्रक्रिया भी गतिमान है।

मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की स्थिति

कार्यक्रम में मौजूद कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि आज मेडिकल कॉलेजों में 62 प्रतिशत स्थायी फैकल्टी मौजूद है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने जानकारी दी कि पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और अगले सत्र से वहां पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

डॉ. रावत ने बताया कि हाल ही में नियुक्त हुए 3000 नर्सिंग स्टाफ में से शत-प्रतिशत उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। राज्य में हर साल करीब 14 हजार छात्र नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।