उत्तराखंड में नवंबर से लागू होगा ग्रीन सेस, प्रदूषण नियंत्रण और हरित अवसंरचना पर खर्च होगी आय

उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। नवंबर से राज्य में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा।

उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि आगामी नवंबर से राज्य में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य राज्य को स्वच्छ, हरित और प्रदूषण-मुक्त बनाना है। सरकार को उम्मीद है कि इस सेस से सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये की आय होगी, जिसे वायु गुणवत्ता सुधार, हरित अवसंरचना और स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।

उत्तराखंड में नवंबर से लागू होगा ग्रीन सेस

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह पहल उत्तराखंड के “25 साल के विकास” को पर्यावरणीय जिम्मेदारी से जोड़ने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि ग्रीन सेस की वसूली फास्ट टैग के माध्यम से की जाएगी ताकि किसी तरह की असुविधा न हो। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार, देहरादून में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत सड़क की धूल (55 प्रतिशत) है, जबकि वाहन उत्सर्जन (7 प्रतिशत) भी एक प्रमुख कारण है। ऐसे में ग्रीन सेस से सड़क धूल नियंत्रण और स्वच्छ वाहन नीति को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य सरकार का मानना है कि यह निर्णय वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा। हाल ही में भारत सरकार के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 में उत्तराखंड के शहरों ने बेहतर प्रदर्शन किया था। ऋषिकेश को 14वां और देहरादून को 19वां स्थान मिला है। सरकार अब ग्रीन सेस से मिलने वाली आय का उपयोग इन शहरों की वायु गुणवत्ता को और बेहतर बनाने में करेगी। इस योजना को नवंबर 2025 में किसी भी समय लागू किया जा सकता है।

इन वाहनों को पूरी तरह मिलेगी छूट

ग्रीन सेस के तहत इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन, सोलर और बैटरी वाहनों को पूरी तरह छूट दी जाएगी ताकि स्वच्छ ईंधन आधारित परिवहन को बढ़ावा मिले। इसके साथ ही पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों पर नियंत्रण, सड़क धूल नियंत्रण, पौधारोपण और वायु निगरानी नेटवर्क को मजबूत करना इसके प्रमुख उद्देश्य होंगे।

इस नीति का मुख्य फोकस वायु प्रदूषण घटाना और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार करना है। ग्रीन सेस से जुटाई गई राशि का उपयोग वायु निगरानी, रोड डस्ट नियंत्रण, हरित क्षेत्र विस्तार और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम पर किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इस ऐतिहासिक कदम से उत्तराखंड देश के सबसे स्वच्छ राज्यों में अपनी पहचान और मजबूत करेगा।


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