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Fri, Dec 19, 2025

उत्तरकाशी बादल फटने की त्रासदी: धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन, प्लान-B के तहत हवाई मदद जारी

Written by:Vijay Choudhary
Published:
धराली में चल रहा यह रेस्क्यू ऑपरेशन एक चुनौतीपूर्ण मिशन बन चुका है, जिसमें समय के साथ-साथ मौसम की भी परीक्षा हो रही है। लेकिन राहत और बचाव टीमों के साहस, प्रशासन की तत्परता और सरकार की प्रतिबद्धता ने इस आपदा से जूझ रहे सैकड़ों लोगों में उम्मीद की किरण जगा दी है।
उत्तरकाशी बादल फटने की त्रासदी: धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन, प्लान-B के तहत हवाई मदद जारी

उत्तरकाशी में सीएम धामी मौजूद

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों की नाजुक स्थिति को सामने ला दिया है। धराली गांव में बादल फटने से मची भारी तबाही के बीच तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी गति से जारी है। ज़मीन पर हालात बेहद गंभीर हैं, लेकिन हवाई मार्ग के जरिए राहत का सिलसिला बिना रुके जारी है।

संकट की घड़ी में प्लान-B बना जीवन रेखा

धराली गांव और उसके आस-पास के इलाकों में भारी बारिश और बादल फटने के बाद सड़कों का अस्तित्व मिट गया। कई जगहों पर वॉशआउट होने से जमीनी संपर्क पूरी तरह टूट गया। ऐसे में प्रशासन ने ‘प्लान बी’ के तहत हवाई मार्ग से राहत और बचाव कार्य को तेज किया है। भटवाड़ी हेलीपैड से NDRF और SDRF की टीमों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से धराली भेजा जा रहा है। अब तक कुल 17 लोगों को हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि 50 से अधिक राहतकर्मियों को हर्षिल और थराली भेजा जा चुका है।

राहत का केंद्र बना भटवाड़ी हेलीपैड

उत्तरकाशी के भटवाड़ी हेलीपैड को फिलहाल ऑपरेशन बेस बनाया गया है। यहीं से हेलिकॉप्टरों के जरिए जवानों, डॉक्टरों और आवश्यक सामग्री को धराली और हर्षिल क्षेत्र में भेजा जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार हेलीकॉप्टर मिशन के जरिए प्रतिघंटा राहत सामग्री और टीमों की आवाजाही सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही मेडिकल टीमों को भी तत्काल वहां तैनात किया गया है ताकि घायलों को समय रहते उपचार मिल सके।

मुख्यमंत्री धामी मौके पर मौजूद

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में डेरा डाल रखा है। वे स्थिति की गंभीरता को देखते हुए खुद ग्राउंड ज़ीरो के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उनके साथ आला प्रशासनिक और राहत अधिकारी भी उत्तरकाशी में ही कैंप कर रहे हैं। सीएम धामी ने कहा, “हमारा पहला लक्ष्य हर उस व्यक्ति को सुरक्षित निकालना है, जो इस आपदा में फंसा हुआ है। केंद्र सरकार से भी हमें हर स्तर पर सहयोग मिल रहा है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार संपर्क में हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं।

धराली के हालात अब भी गंभीर

धराली तक अब तक कोई सड़क मार्ग बहाल नहीं हो सका है। मलबा, टूटी सड़कें और बहते नाले लोगों की मुसीबतें कई गुना बढ़ा रहे हैं। गांव तक राहत सामग्री पहुंचाने में सिर्फ हवाई मार्ग ही विकल्प बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मौसम की अनिश्चितता के बावजूद रेस्क्यू और सप्लाई ऑपरेशन को रोका नहीं गया है। राहत कार्यों के बीच ग्रामीणों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

अलर्ट पर पूरी सरकार और मशीनरी

NDRF, SDRF, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और भारतीय वायुसेना सभी मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। हेलीकॉप्टर उड़ानों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर मोबाइल नेटवर्क और संचार सुविधा को जल्द बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि संपर्क में तेजी लाई जा सके। राहत कार्यों में लगे एक अधिकारी ने बताया, “स्थानीय लोगों के सहयोग से काम आसान हो रहा है। गांव के युवाओं ने भी टीमों को दिशा देने और सामग्री वितरण में मदद की है।” धराली में चल रहा यह रेस्क्यू ऑपरेशन एक चुनौतीपूर्ण मिशन बन चुका है, जिसमें समय के साथ-साथ मौसम की भी परीक्षा हो रही है। लेकिन राहत और बचाव टीमों के साहस, प्रशासन की तत्परता और सरकार की प्रतिबद्धता ने इस आपदा से जूझ रहे सैकड़ों लोगों में उम्मीद की किरण जगा दी है। जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, धराली फिर से जीवन की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है।