Video : जब मोबाइल गेम खेलने के लिए मचल गया बंदर का बच्चा, देखिये वीडियो

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आजकल हर अभिभावक की सबसे बड़ी चिंता है बच्चों को लगी मोबाइल की आदत। इन्हें मोबाइल की ऐसी लत लगी है कि न वो डांट से छूटती है न ही प्यार से। खासकर कई बच्चे तो खाना ही तब खाते हैं जब उनके हाथों में मोबाइल हो। ऑनलाइन गेम्स और वीडियो देखने की इस बीमारी से माता पिता खासे परेशान हैं।

ग्वालियर नगर परिषद के चुनाव में दो पर भाजपा और एक पर कांग्रेस का बना अध्यक्ष

कोरोना काल में ऑनलाइन क्लासेस के कारण बच्चों का स्क्रीन टाइम और बढ़ गया है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि इतना ज्यादा मोबाइल और लैपटॉप चलाना उनकी आंखों के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं। इस कारण उनमें स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन, गुस्से जैसे लक्षण पैदा हो रहे हैं। तकनीक को जल्द से जल्द सीखने की होड़ उनकी मासूमियत को भी खत्म कर रही है। बच्चे जैसे ही अबोधता से बाहर आते हैं उनके सामने मोबाइल के रुप में एक नई दुनिया होती है और वो इसे ही सच मान बैठते हैं। ऐसे में कई तरह की मानसिक समस्या भी हो सकती है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।