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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। क्या आपको याद है कि हमारे देखते ही देखते दुनिया कितनी बदल गई है। हमारी साइड टेबल पर कभी अलार्म क्लॉक हुआ करती थी। वो अब गायब है। हाथ घड़ी या तो अब फैशन बन गई है या फिर स्मार्टवॉच ने उसकी जगह ले ली। एक जमाने में हम एसडीटी-पीसीओ के बाहर लाइन लगाकर खड़े होते थे। रात के समय कम टैरिफ में बात करने के लिए स्पेशली फोन बूथ पर जाते। ये बातें धीरे धीरे पीछे छूट गई है और हमने इन्हें नोटिस करना भी छोड़ दिया है।

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आज तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि अब दस चीजों का काम एक अकेला मोबाइल कर रह है। वहीं मोबाइल को रिप्लेस करने के लिए स्मार्ट वॉच आ गई है। हम तो ये भी भूल चुके हैं कि एक समय में स्टील के गिलास में पानी पीते थे। अब तो सीधे बॉटल से पानी पीने की आदत हो चली है, गिलास निकलते भी हैं तो यदा कदा मेहमानों के आने पर। हमारा पूरा जीवन तकनीक पर आश्रित हो चुका है और ऐसे में कितनी चीजें हैं जो विलुप्त हो चुकी है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।