भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जादू (magic) हम सबने देखा है। कई बार कुछ लोग ऐसा जादू दिखा जाते हैं कि हम हतप्रभ रह जाते हैं। लेकिन ये भी कहा जाता है कि जादू हाथ की सफाई है। असल में जादू कुछ और नहीं, सामने वाले के दिमाग से खेलना है। ये एक भ्रम उत्पन्न करता है और फिर सामने वाले को लगने लगता है कि वो दिखाया जा रहा है वही सच है।
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जादू भी कई तरह के होते हैं। कुछ लोग मंच पर जादू का खेल दिखाते हैं तो कुछ इससे अलौकिक शक्तियों अपने वश में करना चाहते हैं। इसे काला जादू कहते हैं। पुराने समय से जादू टोने का काफी प्रचलन रहा है और माना जाता था कि इससे किसी का हित या अहित भी किया जा सकता है। बता दें कि मैक्डोनेल, हेगेल तथा फ्रेजर ने धर्म की उत्पत्ति का मूल जादू-टोने को माना है। फ्रेजर का मानना है कि प्रारंभिक स्तर पर आदिकालीन मनुष्य जादू-टोने के माध्यम से प्रकृति को नियंत्रित करता रहा होगा। कुछ समय बाद इसी आधार पर उसने एक अलौकिक शक्ति पर विश्वास कर लिया होगा जिसने प्रकारांतर में ईश्वर का रुप धारण किया।