mpbreakingnews

5 संकेत जो बताते हैं कि आप बच्‍चों की भावनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, यह उदासीनता उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है, सतर्क रहें।

mpbreakingnews

यदि माता-पिता बच्चों की पसंद-नापसंद पर ध्यान नहीं देते हैं, तो बच्चों को ऐसा महसूस होता है कि उनकी भावनाओं का कोई महत्व नहीं है, जिससे उनमें डिप्रेशन और निराशा बढ़ सकती है।

mpbreakingnews

कामकाज या तनाव का गुस्सा बच्चों पर उतारना उनकी आत्मसम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे वे असुरक्षित और कमजोर महसूस करते हैं।

mpbreakingnews

बच्चों के दोस्तों में लगातार कमियां निकालने से बच्चों को अकेलापन और असुरक्षा का अनुभव होता है, जिससे उनकी मानसिक सेहत खराब हो सकती है।

mpbreakingnews

बच्चों की परेशानियों या दुख को समझने के बजाय उन्हें नज़रअंदाज करना, यह संदेश देता है कि उनकी भावनाएं महत्वपूर्ण नहीं हैं, जिससे वे अपने भावों को व्यक्त करने से कतराने लगते हैं।

mpbreakingnews

बच्चों की बातों को बार-बार नजरअंदाज करने से वे नेगलेक्टेड महसूस करते हैं, जो उनके आत्मविश्वास और मानसिक सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।

mpbreakingnews

बच्चों को उनके दुख और भावनात्मक परेशानियों में सहानुभूति और प्यार की आवश्यकता होती है। इसे नकारने से वे कठोर और भावनात्मक रूप से दूर हो सकते हैं।

mpbreakingnews

बच्चों की हर छोटी-बड़ी बात पर कड़ी प्रतिक्रिया देना या उन्हें डांटना, उन्हें आत्मविश्वास से दूर कर सकता है और भविष्य में एंग्जायटी या डिप्रेशन का कारण बन सकता है।

mpbreakingnews

बच्चों की बातों और भावनाओं को समझने और उनसे खुलकर संवाद करने की कमी, उन्हें भीतर से कमजोर बनाती है और उनकी मानसिक सेहत पर गहरा असर डालती है।

कहीं आपका गुस्सा ही तो नहीं बन रहा बच्चों की गलतियों की वजह? सच जानकर छोड़ देंगे बात-बात पर डांटना, और भी है नुकसान