मानव व्यवहार के बारे में मनोविज्ञान से जुड़े 8 रोचक तथ्य
जब दिमाग को कोई काम नहीं दिया जाता, तो यह नकारात्मक विचारों में उलझने लगता है, इसलिए व्यस्त रहना ज़रूरी है।
लोग अक्सर शब्दों से ज्यादा बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भावों से प्रभावित होते हैं। आपका गैर-मौखिक संचार आपकी बातों से ज्यादा प्रभाव डाल सकता है।
मनोवैज्ञानिक रूप से, जब आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं और उत्तर देने में समय लेते हैं, तो आप तनावपूर्ण स्थितियों में बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से आत्मसम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि लोग दूसरों की तुलना में खुद को गिरा महसूस करने लगते हैं।
किसी भी व्यक्ति से मिलने पर उसके बारे में पहली इमेज या प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है, और यह अक्सर लंबे समय तक बना रहता है।
सकारात्मक सोच और सही दृष्टिकोण रखने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, और जीवन में सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
लोग कई बार लॉजिकल निर्णय लेने के बजाय भावनाओं के आधार पर निर्णय लेते हैं, चाहे वह कितना ही महत्वपूर्ण क्यों ना हो।
मनोविज्ञान के अनुसार, लंबे समय तक सोशल आइसलैशन और अकेलापन मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और इससे डिप्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।