गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईस्वी पूर्व हुआ ऐसा माना जाता है
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईस्वी पूर्व हुआ ऐसा माना जाता है
गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध
इनको महात्मा या भगवान बुद्ध भी कहा जाता है इन्होंने ही इस धर्म की उत्पति किया था
इनको महात्मा या भगवान बुद्ध भी कहा जाता है इन्होंने ही इस धर्म की उत्पति किया था
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
बुद्ध धर्म के महात्मा गुरु को ज्ञान की प्राप्ति कैसे ओर कब मिली आज आपको इस बात का उत्तर मिल जाएगा
बुद्ध धर्म के महात्मा गुरु को ज्ञान की प्राप्ति कैसे ओर कब मिली आज आपको इस बात का उत्तर मिल जाएगा
कैसे मिला ज्ञान
कैसे मिला ज्ञान
बुद्ध का वास्तविक नाम सिद्धार्थ गौतम था । उनका जन्म शाक्य गणराज की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी मे हुआ था
बुद्ध का वास्तविक नाम सिद्धार्थ गौतम था । उनका जन्म शाक्य गणराज की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी मे हुआ था
वास्तविक ज्ञान ओर जन्म स्थान
वास्तविक ज्ञान ओर जन्म स्थान
सिद्धार्थ बचपन से ही अत्यंत, करून ओर अच्छी व्यक्ति थे एक दिन उनकी दृष्टि 4 धृष्यो पर पड़ी वे धृष्य थे एक साधु
सिद्धार्थ बचपन से ही अत्यंत, करून ओर अच्छी व्यक्ति थे एक दिन उनकी दृष्टि 4 धृष्यो पर पड़ी वे धृष्य थे एक साधु
सिद्धार्थ
सिद्धार्थ
यह देखकर उन्होंने भी अपना राज-पाठ पत्नी-पुत्र सब कुछ छोड़कर एक संत बनकर जीवन की खोज पर निकल गए
यह देखकर उन्होंने भी अपना राज-पाठ पत्नी-पुत्र सब कुछ छोड़कर एक संत बनकर जीवन की खोज पर निकल गए
गृह त्याग
गृह त्याग
सिद्धार्थ 29 वर्ष मे ही घर छोड़ कर तपस्या के लिए निकल गए । 6 वर्ष की कठोर तपस्या के बाद भी उनको ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ
सिद्धार्थ 29 वर्ष मे ही घर छोड़ कर तपस्या के लिए निकल गए । 6 वर्ष की कठोर तपस्या के बाद भी उनको ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ
कठोर तपस्या
कठोर तपस्या
तब उन्होंने एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर प्रतिज्ञा ली की की जन्म, मरण , आदि का सत्य जाने बगैर यहा से उठूँगा नहीं।
तब उन्होंने एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर प्रतिज्ञा ली की की जन्म, मरण , आदि का सत्य जाने बगैर यहा से उठूँगा नहीं।
प्रतिज्ञा ओर ध्यान
प्रतिज्ञा ओर ध्यान
फिर सुबह के समय सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई ओर वे बुद्ध कहलाये गए उस पीपल के पेड़ को बोधिवृक्ष नाम दिया गया । सिद्धार्थ को 35 वर्ष के आयु मे ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.
फिर सुबह के समय सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई ओर वे बुद्ध कहलाये गए उस पीपल के पेड़ को बोधिवृक्ष नाम दिया गया । सिद्धार्थ को 35 वर्ष के आयु मे ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी.