लाभदायक चमत्कारिक पौधे  के नाम

सोमवल्ली  : कुछ विद्वान इसे ही 'संजीवनी बूटी' कहते हैं। सोम की लताओं से निकले रस को सोमरस कहा जाता है। देवी-देवता  इस पौधे के रस का सेवन सामर्थ्य एवं समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया करते थे।

हत्था जोड़ी: यह एक जंगली पौधे की जड़ होती है। माना जाता है कि मुकदमा, शत्रु संघर्ष, दरिद्रता आदि के निवारण में इसके जैसा चमत्कारी पौधा कोई दूसरा नहीं। तांत्रिक विधि में इसके वशीकरण के उपयोग किए जाते हैं।

तेलिया कंद : इसकी जड़ों से तेल का रिसाव होता रहता है इसीलिए इसे तेलिया कंद कहते हैं। इसका मुख्य गुण सांप के जहर को काटना है।

श्वेत अपराजिता : यह बुद्धि या दिमाग और स्मरण शक्ति को बढ़ाने  तथा सफेद दाग (कोढ़), मूत्रदोष , आंवयुक्त दस्त, सूजन तथा जहर को दूर करने मे उपयोग होता हैं।

पलाश : पलाश के फूल को टेसू का फूल कहा जाता है।इसके फूलों से होली के रंग बनाए जाते हैं। हालांकि इसके फूलों को पीसकर चेहरे में लगाने से चमक बढ़ती है। पलाश की फलियां कृमिनाशक का काम करती हैं। इसके उपयोग से बुढ़ापा भी दूर रहता हैं।

ब्राह्मी : ब्राह्मी को बुद्धि और उम्र को बढ़ाने वाला माना गया है। ब्राह्मी तराई वाले स्थानों पर उगती है।   यह बुखार, स्मृतिदोष, सफेद दाग, पीलिया, प्रमेह और खून की खराबी को दूर करती है। खांसी, पित्त और सूजन में भी लाभदायक है। ब्राह्मी का उपयोग दिल और दिमाग को संतुलित करने के लिए लिए भी किया जाता है।