यूनेस्को विश्व धरोहर मे से एक खजुराहो अपनी जटिल नक्काशी और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जो आपको शिल्प कौशल के आनंद से भर देगा 

देश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान मे से एक कान्हा उद्यान मध्य प्रदेश के मंडला जिले मे स्थित है । प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए यह पर्यटकों के बीच हमेशा आकर्षण का केन्द्र रहा है। 

मध्‍य प्रदेश राज्‍य में स्थित सांची जिसे प्राचीन समय में काकणाव और बोटा श्री पर्वत के नाम से जाना जाता था । सांची अपने स्‍तूपों के लिए प्रसिद्ध है जिसमे एक चट्टान से बने अशोक स्‍तंभ, मंदिर तथा तथा मठ शामिल है। यहाँ के शिलालेख विश्‍व भर में प्रसिद्ध है।

Orchha Fort झाँसी से 16 की किमी दूरी पर, बेतवा नदी के द्वीप पर स्थित है।  इस किले का मुख्य अट्रेक्शन राजा महल है साथ ही शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल, राम मंदिर  और जहाँगीर महल जैसी की आकर्षक धरोहर स्थित है।

Mandu - विंध्याचल पर्वतमाला के बीच धार जिले मे बसा है मांडू (मांडवगढ़) यह  प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और वास्तुशिल्प के बेजोड़ संगम की वजह से यह मालवा का स्वर्ग भी कहलाता है। 

Pachmarhi-यह पर्वतीय पर्यटक स्थल मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले में स्थित है। 1067 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है पचमढ़ी, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण "सतपुड़ा की रानी" कहलाता है।

Gwalior Fort ग्वालियर शहर में गोपांचल नामक छोटी पहाड़ी पर स्थित है, इस किले की ऊंचाई 35 मीटर है। यह किला करीब 10वीं शताब्दी से अस्तित्व में है। इसकी बनावट के कारण “किलों का रत्न” भी कहा जाता है। 

Ujjain - क्षिप्रा नदी के किनारे बसा एक धार्मिक नगर है। महाराजा विक्रमादित्य के शासन काल में  उज्जैन राज्य की राजधानी थी । कालिदास की नगरी भी कहलाने के साथ साथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक 'महाकालेश्वर' इसी नगरी में है। उज्जैन में हर 12 वर्ष के बाद 'सिंहस्थ कुंभ' का मेला लगता है।