देश का पहला जुरासिक पार्क वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में बन कर तैयार हो गया है. वहीं, वन अनुसंधान केंद्र के रेंजर मदन सिंह बिष्ट का कहना है कि केंद्र में कोई भी आकर डायनासोर पार्क के बारे में जानकारी और अन्य वनस्पतियों के बारे में भी जान सकता है.
वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में डायनासोर पार्क बनाया गया है.
डायनासोर काल की वनस्पतियां अब वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी द्वारा बनाए गए जुरासिक पार्क में खिलखिला रही हैं. वहीं, इस वजह से बड़ी संख्या में यहां छात्र भी पहुंच रहे हैं और उनको यहां लगे बोर्ड के जरिये इनके बारे में पूरी जानकारी भी मिल रही है.
असल में तो डायनासोर को इंसानों ने नहीं देखा लेकिन इस पार्क के जरिए लोगों को पता चल सकेगा कि आखिर डायनासोर क्या खाते थे.
करीब 24 करोड़ 80 लाख साल पहले डायनासोर की उत्पत्ति हुई और 6.50 करोड़ साल पहले डायनासोर का पृथ्वी से खात्मा हो गया. डायनासोर का खात्मा कैसे हुआ, इसको लेकर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से डायनासोर के कई कंकाल मिले, जिनसे वैज्ञानिकों उनकी मौजूदगी का पता चला.
जुरासिक काल की ऐसी ही सात तरह की वनस्पतियों को वन अनुसंधान केंद्र ने रिसर्च के बाद जुरासिक पार्क में संरक्षित किया है. इसमें लिवरवॉटस, मॉस, गिंको, फर्न, साइकस, पाइन और आॢकड की प्रजाति शामिल है. फर्न और गिंको शुरुआती जुरासिक काल के प्रमुख पौधे लगाए हैं.