बच्चों में दस्त बन सकते हैं जानलेवा, ये आसान घरेलू नुस्खे बनेंगे औषधि

दस्त या डायरिया होने से न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़ों की हालत भी खराब हो जाती है। हालांकि, शरीर के विषैले पदार्थ को बाहर निकालने का शरीर का यह निजी तरीका है। मगर डायरिया होने से बच्चे बहुत कमजोर हो जाते हैं।

नींबू-अदरक का रस नींबू के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर को तुरंत पोषक तत्व देकर खोए हुए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह जर्म्स को खत्म कर पाचन तंत्र में सुधार करता है। यह आंतों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है l

दही चावल हमारे यहां दही चावल बहुत चाव से खाए जाते हैं। यह न सिर्फ भूख बढ़ाने में मददगार है बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है। यह अपने आप में एक पूरा मील है, इसे खाकर आप अपना पेट भी भर सकते हैं। जब भी बच्चे को दस्त लगे, दही-चावल उसे जरूर दें।

जीरा पानी जीरा पानी बच्चे के लिए ओआरएस की तरह काम करता है। यह दस्त को नियंत्रित करने में कारगर है और बच्चे की पाचन शक्ति को बेहर कर उसकी भूख बढ़ाने के लिए भी सहायक है।

छांछ बैक्टीरिया और जर्म्स से लड़ना है तो छांछ जरूर पिएं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को तुरंत ठीक करता है। इसके अलावा यह पीने में इतना स्वादिष्ट होता है कि बच्चा इसे निःसंदेह काफी चटकारे लगाकर पिएगा।

आप बच्चे को छांछ में नमक और काली मिर्च का पाउडर डालकर दें। वह इसे इंज्वाॅय करेगा। छाछ आठ माह से ज्यादा उम्र के बच्चे को ही दें।