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Explainer: नासा बना रहा है ‘आर्टिफिशियल स्टार’ जो वैज्ञानिकों की करेगा मदद, जानें कौन से खुलेंगे राज?

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नासा पृथ्वी की क्लास में एक आर्टिफिशियल स्टार स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। यह तारा वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के विस्तार और डार्क एनर्जी के रहस्यों को सुलझाने में मदद करेगा।

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वैज्ञानिक तारों की चमक और फोटोन के सटीक मापन से ब्रह्मांड के विस्तार की रफ्तार का पता लगाएंगे। यह मापन ऐस्ट्रनामिकल अध्ययन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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नासा 2029 में एक सैटेलाइट लॉन्च करेगा जो लेजर प्रकाश किरणें भेजेगा। ये किरणें पृथ्वी के टेलीस्कोप से अध्ययन की जाएंगी और असली तारों की चमक का सही अनुमान लगाया जाएगा।

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जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी, 165 करोड़ रुपये के लैंडोल्ट नासा स्पेस मिशन का नेतृत्व कर रही है। इस परियोजना का उद्देश्य खगोलीय मापन तकनीकों को उन्नत करना है।

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तारों की चमक और फोटोन के मापन में सटीकता बेहद महत्वपूर्ण है। यह अध्ययन ब्रह्मांडीय विस्तार, सुपरनोवा विस्फोट, और डार्क एनर्जी के गणितीय विश्लेषण को सटीक बनाएगा।

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 यह आर्टफिशल तारा पृथ्वी की क्लास में 22,236 मील की दूरी पर स्थापित होगा। यह पृथ्वी की घूमने की गति के समान रफ्तार से स्थिर रहेगा और हमेशा अमेरिका के ऊपर स्थित होगा।

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यह मिशन तारों के विकास, बाह्यग्रहों पर जीवन की संभावनाओं, और डार्क एनर्जी के प्रभाव को समझने में मदद करेगा।

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यह प्रोजेक्ट ऐस्ट्रनामिकल मेशर्मन्ट की मौजूदा तकनीकों को बेहतर करेगी और नई शोध संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे ब्रह्मांड के विस्तार और अन्य ऐस्ट्रनामिकल रहस्यों के सटीक जवाब मिलने की उम्मीद है।

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