Explainer: चिप हो गई फिल्मों की बात, अब आपके शरीर के बैक्टीरिया करवाएंगे आपकी ट्रैकिंग!
mpbreakingnews.in
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एआई टूल विकसित किया है, जो किसी व्यक्ति के शरीर के सूक्ष्मजीवों (माइक्रोबायोम) का उपयोग करके उसकी रीसन्ट ऐक्टिविटी और स्थान का सटीक पता लगा सकता है।
mpbreakingnews.in
फिल्मों में दिखाया जाता था कि चिप्स के जरिए ट्रैकिंग की जाती है, लेकिन यह तकनीक अब पुरानी हो गई है। एआई के जरिए बैक्टीरिया का उपयोग कर ट्रैकिंग कहीं ज्यादा प्रभावी और अदृश्य हो गई है।
mpbreakingnews.in
शरीर के सूक्ष्मजीव किसी माइक्रोस्कोपिक फिंगरप्रिंट की तरह होते हैं। ये बता सकते हैं कि व्यक्ति ने हाल ही में कहां-कहां यात्रा की है, जैसे किसी बीच, ट्रेन स्टेशन, या पार्क।
mpbreakingnews.in
स्वीडन के लुंड विश्वविद्यालय ने एक ग्राउंड-ब्रेकिंग तकनीक विकसित की है। यह माइक्रोबायोम के आधार पर किसी क्षेत्र की पहचान करके वहां जाने वाले व्यक्ति को ट्रैक कर सकती है।
mpbreakingnews.in
शोध के अनुसार, डीएनए स्थायी होता है, लेकिन माइक्रोबायोम बदलता रहता है। यह विभिन्न वातावरणों से प्रभावित होता है, जिससे बीमारियों, संक्रमण स्रोतों और पर्यावरणीय परिवर्तनों की सटीक पहचान संभव है।
mpbreakingnews.in
शोधकर्ताओं ने 53 शहरों, 18 देशों और 9 जल स्रोतों से 237 नमूने इकट्ठा किए। इन नमूनों को एआई मॉडल को ट्रैन्ड करने के लिए उपयोग किया गया, जिससे microorganisms के फिंगरप्रिंट और उनकी स्थानीयता को सटीकता से समझा जा सके।
mpbreakingnews.in
यह तकनीक महामारी के दौरान संक्रमण के स्रोतों की पहचान, बीमारियों के प्रसार को रोकने और फॉरेंसिक मामलों में अपराधियों का पता लगाने के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।
mpbreakingnews.in
एआई-आधारित माइक्रोबायोम ट्रैकिंग इंसानी लोकेशन ट्रैकिंग का नया और इनवीसीबल तरीका है, जो स्वास्थ्य, सुरक्षा और शोध के क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है।
mpbreakingnews.in
Explainer: वैज्ञानिकों को सौरमंडल के बाहर मिली ‘अनूठी सुरंग’ जो बन सकती है ‘दूसरी दुनिया का दरवाजा’