फ्लिपकार्ट की मुनाफा चुनौतियां: करोड़ों की सेल, फिर भी घाटा
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लाखों की रोजाना बिक्री: फ्लिपकार्ट हर दिन लाखों प्रोडक्ट्स बेचती है, और त्योहारों में बिक्री का आंकड़ा करोड़ों तक पहुँच जाता है, इसके बावजूद कंपनी घाटे में चल रही है।
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फाइनैन्स वर्ष 2023-24 में घाटा: कंपनी को फाइनैन्शल वर्ष 2023-24 में 4,248.3 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो पिछले साल की तुलना में कम है, जब नुकसान 4,897 करोड़ रुपये था।
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रिपोर्ट का खुलासा: टॉफलर द्वारा जारी एक रेगुलेटरी रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लिपकार्ट का घाटा कम तो हुआ है, पर यह अभी भी लाभ से कोसों दूर है।
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इंकम में बढ़ोतरी: कंपनी की आमदनी बढ़ने से घाटा कम हुआ है, 2022-23 के मुकाबले कंपनी का राजस्व 26% बढ़कर 2023-24 में 70,541.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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5 साल का सबसे कम घाटा: फ्लिपकार्ट का इक्विटी पर रिटर्न और एमपलोएड कैपिटल पर रिटर्न पिछले पांच वर्षों में सबसे निचले स्तर पर रहा, जो कि नकारात्मक 49.6% और 54.09% पर है।
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स्टॉक इन ट्रेड की बढ़ी लागत: स्टॉक इन ट्रेड की खरीद पर कंपनी का खर्च 24% बढ़कर 74,271.2 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष 59,816.6 करोड़ रुपये था।
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डिस्काउंट से काम्पिटिशन: भारी डिस्काउंट देने के कारण छोटे व्यापारी फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के मूल्य निर्धारण से नाखुश हैं, और इसका विरोध कर रहे हैं।
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फाइनैन्शल इशू : व्यापारियों का आरोप है कि इन प्लेटफॉर्म्स को फाइनैन्शल सहायता मिलती है, जिससे वे अपने घाटे को कवर करते हुए भी ग्राहकों को बड़े डिस्काउंट दे पाते हैं।
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