आज है गुरु पूर्णिमा, जानें क्या है इस पर्व का महत्व और इतिहास

गुरु पूर्णिमा जुलाई 2022 का शुभ मुहूर्त

पंचांग के हिसाब से गुरु पूर्णिमा की तिथि 13 जुलाई 2022 को सुबह 4 बजे (4:00 AM) से शुरू होगी और 14 जुलाई 2022 को रात 12 बजकर 6 मिनट (12:06 AM) पर तिथि समाप्त होगी।

भारतीय संस्कृति में गुरु को बहुत ऊंचा दर्जा दिया गया है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। जानें क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व और इसका इतिहास और इस दिन क्या किया जाता है।

हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेदव्यास को हम महाज्ञानी के रूप में संबोधित करते हैं, इसलिए उनके भक्तों द्वारा उनकी पूजा की जाती है।

कहा जाता है कि उन्होंने ही वेदों को चार भाग में बांटा था – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। ये ऋषि पराशर और देवी सत्यवती के पुत्र थे, जिन्होने महाभारत लिखकर हिंदुत्व के इतिहास में अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते है।

इस दिन का बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध से भी गहरा संबंध है। माना जाता है कि बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात, उन्होने इसी दिन अपना पहला उपदेश यानी प्रवचन दिया था।