आज भी धरती पर हनुमान की मौजूदगी! जानिए कौन-कौन सी 5 रहस्यमयी जगहें और कौन सा पर्वत जुड़ा है इस चमत्कारी कथा से।
mpbreakingnews
श्रीराम ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जब तक धरती पर रामकथा और रामनाम का गुणगान होता रहेगा, तब तक वे जीवित रहेंगे। इसी कारण उन्हें अजर-अमर माना जाता है।
mpbreakingnews
जब श्रीराम पृथ्वी से बैकुंठ जाने वाले थे, तब हनुमान जी ने दुखी होकर कहा कि वे प्रभु के बिना कैसे रहेंगे। तब श्रीराम ने उन्हें वरदान दिया कि वे जब तक चाहें, जीवित रह सकते हैं और भक्तों की रक्षा करते रहेंगे।
mpbreakingnews
महाभारत, स्कंद पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण जैसे अनेक ग्रंथों में हनुमान जी के अमर होने की बात कही गई है। इन्हीं शास्त्रों के आधार पर माना जाता है कि वे आज भी पृथ्वी पर हैं।
mpbreakingnews
– गंधमादन पर्वत (हिमालय में माणा गांव के पास)– रामेश्वरम (तमिलनाडु)– चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)– हिमालय क्षेत्र– बद्रीनाथ और काशी जैसे तीर्थ स्थलइन स्थानों को उनकी तपस्या और गुप्त उपस्थिति से जोड़ा जाता है।
mpbreakingnews
माना जाता है कि हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर आज भी तपस्यारत हैं। यह स्थान बद्रीनाथ और मानसरोवर के बीच है और पहुँचना बहुत कठिन है। माणा गांव के लोग आज भी मानते हैं कि वहाँ हनुमान जी अदृश्य रूप में रहते हैं।
mpbreakingnews
तुलसीदास जी, स्वामी रामदास, रामानुजाचार्य और श्रीराघवेंद्रस्वामी जैसे कई संतों को हनुमान जी ने साक्षात दर्शन दिए थे। खासकर तुलसीदास जी को बनारस में उन्होंने कई बार दर्शन दिए थे।
mpbreakingnews
कई साधु-संतों और योगियों ने बताया कि किसी गुफा, तीर्थ या जंगल में उन्हें एक तेजस्वी और बलवान साधु मिले जो बाद में अचानक लुप्त हो गए। इन अनुभवों को हनुमान जी के गुप्त दर्शन माना जाता है।
mpbreakingnews
माना जाता है कि हनुमान जी आज भी रामकथा वाले स्थानों और अपने भक्तों के पास गुप्त रूप में उपस्थित रहते हैं और सेवा करते हैं। वे भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें मार्ग दिखाते हैं।
Premanand Maharaj :”जब प्रेमानंद महाराज का हुआ प्रेत से आमना-सामना, छाती पर बैठ गया वह साया, सांसें थमने लगीं, जटाएं पकड़ लीं… जानिए आगे क्या हुआ!”