नौसेना को मिला पहला स्वदेशी 'महाबली' आईएनएस विक्रांत

देश को अपना पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत मिल गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश को समर्पित किया. अब INS विक्रांत भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो चुका है.

INS विक्रांत एयरक्राफ्ट करियर समुद्र के ऊपर तैरता एक एयरफोर्स स्टेशन है जहां से फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन के जरिए दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूत किया जा सकता है. आईएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइलें दागी जा सकेंगी.

पीएम मोदी आईएनएस विक्रांत को लेकर कहा, "आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है. आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है."

44,570 टन से अधिक वजनी, यह युद्धपोत 30 लड़ाकू जेट विमानों को समायोजित करने में सक्षम है. दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और निर्देशित बमों और रॉकेटों से परे जहाज-रोधी मिसाइलों से लैस है.

INS विक्रांत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी स्तर पर विमानवाहक पोत बना सकते हैं.

विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है.

INS विक्रांत के चालू होने से भारत को पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर एक विमानवाहक पोत तैनात करने की अनुमति मिल जाएगी. यह क्षेत्र में भारतीय नौसेना की समुद्री उपस्थिति और क्षमताओं को भी बढ़ावा देगा.