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वाकई 'सोने की चिड़िया' था भारत... हो गया साबित, ₹5,62,51,58,48,05,00,000 की हुई लूट, वरना पानी भरते चीन-अमेरिका

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 ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत वाकई 'सोने की चिड़िया' था। यह साबित हुआ कि 1765 से 1900 तक ब्रिटेन ने भारत से 64.82 ट्रिलियन डॉलर (₹5,62,51,58,48,05,00,000) की संपत्ति लूटी।

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उपनिवेशी काल के दौरान ब्रिटेन ने भारत से इतनी संपत्ति लूटी, जो आज के अमेरिका (28 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था से भी दोगुनी है।

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रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटेन द्वारा भारत से लूटे गए 65 ट्रिलियन डॉलर में से 33.8 ट्रिलियन डॉलर ब्रिटेन के सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों के पास गए।

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कालनाइज़र काल के दौरान शोषण और असमानता की नींव रखी गई, जो आज भी ग्लोबल साउथ के देशों में महसूस की जाती है।

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ऑक्सफैम ने बताया कि मॉडर्न मल्टीनैशनल कंपनियां, जैसे 'ईस्ट इंडिया कंपनी', कलोनीअलिज़म से उत्पन्न हुईं। ये कंपनियां आज भी ग्लोबल साउथ में श्रमिकों का शोषण करती हैं।

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ग्लोबल साउथ में श्रमिकों, विशेषकर महिलाओं को ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में 87-95% कम मजदूरी मिलती है। मल्टीनैशनल कंपनियां सस्ते लेबर और संसाधनों का लाभ उठाती हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, लूटे गए धन से लंदन की सतह को 50 पाउंड के नोटों से चार बार ढका जा सकता था।

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कलोनीअल एक्स्प्लॉइटैशन की वजह से बनी असमानता आज भी बनी हुई है। अमीर देश, ग्लोबल साउथ से लगातार संपत्ति निकालते हैं, जिससे शोषण जारी है।

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