भारतीय वायु सेना में स्वदेशी हेलिकॉप्टर "प्रचंड" को शामिल किया गया है। आइए जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

वायु सेना के सबसे हल्के स्वदेशी हेलिकॉप्टर का निर्माण हिंदुस्तान  एयरनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है। इसमें 45 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल  हुआ है।

कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्युरिटी ने इसके 15 लिमिटेड सीरीज को खरीदने की मंजूरी  दी थी। जिसमें 3,887 करोड़ रुपये की लागत और 377 करोड़ रुपये को बुनियादी  ढांचे के लिए मंजूरी मिली थी।

यह हेलिकॉप्टर गर्म और सर्द दोनों ही मौसम के लिए बनाए गए हैं। अब तक  हेलिकॉप्टर के 4 प्रोटोटाइप 234 उड़ाने भर चुके हैं। साथ ही 1500 उड़ान घंटों  तक उड़ चुके हैं।

यह हेलिकॉप्टर स्लो विमानों और रिमोट से चलाए जाने वाले विमानों का मुकाबला  कर सकता है। जमीनी हमले, बंकर ऑपरेशन और इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए भी सक्षम  है।

यह हेलिकॉप्टर खुद को दुश्मन से छुपाकर रात में भी उड़ान भर सकता है। इसमें  बेहतरीन नेविगेशन सिस्टम भी है और इसमें लगी बंदूकें भी काफी शक्तिशाली है।

इस हेलिकॉप्टर के प्रोटोटाइप नई 29 मार्च 2010 को पहली उड़ान भरी थी और 31 मार्च 2023 तक 6 और प्रचंड हेलिकॉप्टर सेना में शामिल होंगे।