पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दुओं की दुर्दशा से कोई भी अन्जान नहीं हैं। वहीं, वहां पर स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की हालत खंडहर जैसी है। अगर ये मंदिर भारत में होते तो इनकी मान्यता कुछ और ही होती। देखिए पाकिस्तान के ये हिन्दू मंदिर..

माता हिंगलाज का शक्तिपीठ

पाकिस्तान के कराची में स्थित बाड़ीकलां में माता हिंगलाज का प्राचीन मंदिर है। सुरम्या पहाड़ियों की तलहटी में स्थित ये मंदिर पाकिस्तान में काफी फेमस है। वहीं, पाकिस्तान सरकार इन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए कतई जागरुक नहीं है।

नरसिंह मंदिर

पाकिस्तान के मुल्तान शहर में नरसिंह मंदिर हिंदुओं के लिए काफी मान्यता रखता है। कहा जाता है भक्त प्रह्लाद ने भगवान नरसिंह मंदिर की पूजा अर्चना के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

कटासराज का शिव मंदिर

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले से 30 किलोमीटर दूर कटासराज गांव में भगवान शिव का काफी प्राचीन मंदिर है। हालांकि, बहुसंख्यकों ने इन मंदिरों को खंडहर में तब्दील कर दिया है।

राम मंदिर

पाकिस्तान के सैयदपुर गांव में स्थित राम मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने 1580 में बनवाया था। वर्तमान में इस प्राचीन मंदिर को देख-रेख की सख्त जरूरत है।

पंचमुखी हनुमान मंदिर

1500 साल पुराना भगवान हनुमान का पंचमुखी अवतार कराची के शॉल्जर बाजार में स्थित है।

श्री वरुणदेव मंदिर

लगभग 1000 साल पुराने इस मंदिर की जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया। हालांकि सरकार ने 2007 में इसका दोबारा निर्माण की बात कही। लेकिन, अभी भी इस बात की कोई सुनवाई नहीं है।

गोरखनाथ मंदिर

बंटबारे के बाद से बंद पड़े गोरखनाथ मंदिर साल 2011 में दोबारा खोल दिया गया। पेशावर में बने इस मंदिर में आज भी लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं।

गौरी मंदिर

पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत के थारपारकर जिले में बने गौरी मंदिर में हिंदू और जैन धर्म के कई देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित हैं। यहां लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं।

मरी इंडस मंदिर

5वीं सदी में बने ये मंदिर पाकिस्तान के पंजाब में मरी नामक जगह पर स्थित है। इस मंदिर का उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी किताब में किया है।