दुनिया में 8 सबसे नास्तिक देशों के बारे में जाने बड़े विस्तार से 

नास्तिक देशों में धर्म और धार्मिक आदर्शों की कमी होती है, जिसका मतलब है कि वहाँ के लोगों की धर्मिकता कम होती है।

इन देशों में सामाजिक अनुसारीता का स्तर उच्च होता है, जिसका मतलब है कि लोगों की सोच में धार्मिकता के प्रति आधारित  कम होती है।

 इन देशों में सरकारें धार्मिक संरक्षा की कमी को बढ़ावा देती हैं, जिससे लोगों को अपने धार्मिक मान्यताओं का पालन करने में अधिक स्वतंत्रता मिलती है।

नास्तिक देशों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे लोग धार्मिक आदर्शों के स्थान पर तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करते हैं।

इन देशों में नास्तिक संगठनों की गतिविधियों में विविधता देखी जा सकती है, जो धार्मिक प्रथाओं के खिलाफ होती है।

नास्तिक देशों में लोगों को अपने विश्वासों को चुनने की आजादी मिलती है, और वे अपनी धार्मिक और अध्यात्मिक दृष्टिकोणों को स्वतंत्र रूप से चुन सकते हैं।

इन देशों में धार्मिक समाज के रूप में विभाजन की प्रवृत्ति नहीं होती है, जो सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित करता है।

इन देशों में धार्मिक विविधता की समर्थना की जाती है और लोगों को अपनी आत्मता के साथ अपने धार्मिक धाराओं का अध्ययन करने की स्वतंत्रता मिलती है।