क्रिस्पी, टेस्टी और मसालेदार पानी पुरी किसे नहीं पसंद। इसका नाम ही कई लोगों के मुंह में पानी ला देता है।

अलग-अलग जायके के साथ मिलने वाली पानी पूरी गोलगप्पा, फुच्का, गुपचुप और अन्य कई नामों से प्रसिद्ध है।

लेकिन क्या अपको इसके इतिहास के बारे में पता है? यदि नहीं तो आइए जानते हैं गोलगप्पे का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

पानी पुरी की कहानी और उत्पत्ति महाभारत से जुड़ी है। द्रौपदी जब शादी कर के आई तो कुंती ने अपनी बहू की परीक्षा लेने की सोची। उसी दौरान पांचाली ने बचे हुए आलू और गेहूं के आटे से पानी पुरी का आविष्कार किया।

ऐसा भी माना जाता है की इस घटना के बाद माता कुंती द्रौपदी से खुश हुई और इस डिश को हमेशा अमर रहने का वरदान दिया।

कई इतिहासकारों के मुताबिक गोलगप्पा की उत्पत्ति बिहार और उत्तरप्रदेश में आज में करीब 125 साल पहले हुई थी और शुरुवाती दौर में इसे राज कचौड़ी के रूप में बनाया जाता था

यह भी कहा जाता है की गोलगप्पे की उत्पत्ति मगध राज्य में हुई थी। लेकिन इससे जुड़ी सच्चाई इतिहास में कही खो गई।

समय के साथ गोलगप्पे में कई बदलाव हुए। जैसे- जैसे समय बीतता गया इसके स्वाद मसाले और पानी में कई बदलाव आए।

आजकल गोलगप्पा अलग-अलग तरीके, जायके, फ्लेवर और नाम से पुरे भारत में मिलता है

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