40 की उम्र के बाद अकेलापन न बने बोझ इस तरह बनाएं सच्ची सहेलियां जो बनेंगी उम्रभर का सहारा
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महिलाएं अक्सर 40 के बाद जीवन में अकेलापन महसूस करने लगती हैं — बच्चे बड़े हो जाते हैं, करियर थमने लगता है और दोस्त दूर हो जाते हैं। लेकिन इस दौर में भी मजबूत और सच्ची दोस्तियां बनाई जा सकती हैं जो आपकी इमोशनल हेल्थ को सहारा दें।
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कॉलेज की या पुराने ऑफिस की दोस्त जिनसे बात बंद हो गई हो, उन्हें एक सिंपल “कैसी हो?” मैसेज भेजिए। सोशल मीडिया या WhatsApp ग्रुप्स में तलाश कीजिए — शायद कोई आपकी पहल का इंतज़ार कर रही हो।
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बच्चों की स्कूल मीटिंग्स, एक्स्ट्रा-क्लासेस या पार्क टाइम — ये मौके केवल बच्चों के लिए नहीं बल्कि आपके लिए भी नए रिश्ते बनाने के अवसर हो सकते हैं। दूसरी माओं से बातचीत शुरू कीजिए और धीरे-धीरे एक मजबूत बॉन्ड बनाइए।
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पेंटिंग, योगा, ट्रैवल, डांस या कुकिंग — जो भी आपकी हॉबी हो, उससे जुड़ा कोई क्लब या क्लास जॉइन करें। एक जैसी पसंद रखने वाले लोगों से दोस्ती जल्दी होती है और वो गहरी भी बनती है।
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आज कई महिलाएं फेसबुक ग्रुप्स, इंस्टाग्राम या ऐप्स के ज़रिए एक-दूसरे से जुड़ती हैं। आप भी किसी भरोसेमंद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक्टिव होइए और धीरे-धीरे एक मजबूत दोस्ती का रिश्ता बनाइए।
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दोस्ती के लिए पहल ज़रूरी है। एक प्यारी सी स्माइल, मदद का हाथ या कॉफी का छोटा सा न्योता भी किसी के दिल को छू सकता है। उम्र से ज्यादा ज़रूरी है आपमें दोस्ती की चाह होना।
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इस उम्र में की गई दोस्तियां कम लेकिन भरोसेमंद होती हैं। ये दोस्त न सिर्फ आपको सुनते हैं, बल्कि मेंटल स्ट्रेस और अकेलेपन से भी उबरने में मदद करते हैं।
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अगर आप मानें कि अब भी रिश्ते बन सकते हैं, तो ज़िंदगी दोबारा रंगीन हो सकती है। सकारात्मक सोच और थोड़ी सी कोशिश से आप ऐसी सहेलियां बना सकती हैं जो जिंदगी भर आपकी मेंटल सपोर्ट बनेंगी।
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