क्या आप जानते हैं नवदुर्गा के 9 रूपों का रहस्य?

शैलपुत्री- शैल का अर्थ पर्वत। अर्थात माता पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं।

ब्रह्मचारिणी - ब्रह्मचारिणी अर्थात् जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था।

चंद्रघंटा - चंद्रघंटा अर्थात जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है।

कूष्मांडा - उदर से अंड तक वह अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए है, इसीलिए कूष्मांडा कहलाती हैं।

स्कंदमाता - उनके पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वह स्कंद की माता कहलाती हैं।

कात्यायनी - महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था, इसलिए वे कात्यायनी हैं।

कालरात्रि - मां पार्वती काल अर्थात् हर तरह के संकट का नाश करने वाली है इसीलिए कालरात्रि कहलाती हैं।

महागौरी - माता का रंग पूर्णत: गौर अर्थात् गौरा है इसीलिए वे महागौरी कहलाती हैं।

सिद्धिदात्री - जो उन्हीं के प्रति समर्पित रहता है, उसे हर प्रकार की सिद्धि देती हैं। इसलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहते हैं।