साइकोलॉजिकल फैक्ट: सर्दी और खांसी के अलावा, भावनाओं का वायरस भी होता है जो ट्रांसफर हो सकता है।
इमोशन्स का वायरस का मतलब है कि जब हम अपने भावनाओं को एक दूसरे से साझा करते हैं, तो यह वायरस भी फैलता है।
इस तथ्य से यह साबित होता है कि जब हम किसी के साथ संवाद करते हैं और उनकी भावनाओं को समझते हैं, तो हम भी उनसे प्रभावित हो सकते हैं।
इसे 'इमोशनल कंटेज़ियन' भी कहा जाता है, जो लोगों के भावनात्मक हालातों के संवाद में एक साथ प्रभावित होने की प्रक्रिया है
इस तथ्य के आधार पर, यह समझा जा सकता है कि हमारे आसपास के लोग कैसे हमारे मूड और भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
इमोशन्स का वायरस भी आमतौर पर अपने आसपास के माहौल से ही फैलता है, जैसे कि गर्मियों में खुशियों का माहौल और सर्दियों में उदासी का माहौल।
इसलिए, हमें अपने साथी के भावनाओं को समझने के लिए सक्रिय रहना चाहिए, क्योंकि हमारा मूड और भावनाएं अपने आसपास के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं।
यह तथ्य हमें इमोशनल इंटेलिजेंस का महत्व बताता है, जो हमें अपने और दूसरों के भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने की क्षमता प्रदान करता है।
इमोशन्स का वायरस अक्सर सामाजिक माध्यमों और व्यक्तिगत संवादों के माध्यम से भी फैलता है, जिससे लोग अनजान में भी अन्य लोगों की भावनाओं का प्रभाव महसूस कर सकते हैं।