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लंबे स्पेस ट्रैवल में खाने की समस्या का समाधान: एस्टेरॉयड से होगा भोजन उत्पादन

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अंतरिक्ष यात्राओं में सबसे बड़ी समस्या अंतरिक्ष यात्रियों के लिए लंबे समय तक भोजन की व्यवस्था करना है। पृथ्वी से सालों तक का खाना ले जाना मुमकिन नहीं है, इसलिए पृथ्वी के बाहर भोजन के स्रोत की तलाश की जा रही है।

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शोधकर्ताओं ने पाया है कि एस्टेरॉयड्स के सूक्ष्मजीवों और कार्बनिक कम्पाउन्ड का उपयोग करके फूड पर्डक्शन किया जा सकता है। यह स्पेस ट्रेवल के दौरान भोजन की समस्या का हल हो सकता है।

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वर्तमान में, अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से भेजी गई सप्लाइ पर निर्भर होते हैं। यह ना केवल महंगा है, बल्कि लंबे समय तक जारी रखना भी मुश्किल हो सकता है, इसलिए लोकल फूड पर्डक्शन का विकल्प तलाशना जरूरी है।

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कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एस्टेरॉयड्स से बायोमास (भोजन) उत्पादन का तरीका खोजा है। वे सूक्ष्मजीवों की मदद से एस्टेरॉयड्स में मौजूद कार्बनिक कम्पाउन्ड का उपयोग करेंगे।

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अंतरिक्ष में खेती करना संभव है, लेकिन इसे करना बहुत कठिन और महंगा है। इसलिए वैज्ञानिक भोजन के स्थानीय स्रोत के रूप में एस्टेरॉयड्स की सामग्री का उपयोग करने का सुझाव दे रहे हैं।

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एस्टेरॉयड्स में पाए जाने वाले कार्बनिक कम्पाउन्ड को ऑक्सीजन रहित वातावरण में तोड़ने के लिए ज्यादा तापमान का उपयोग किया जाएगा, जिसे पायरोलिसिस कहा जाता है। इस प्रक्रिया से प्राप्त हाइड्रोकार्बन सूक्ष्मजीवों को खिलाए जाएंगे, जो फिर से बायोमास बना देंगे।

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रिसर्च ने कार्बोनेसियस चोंड्राइट्स नामक एक विशेष प्रकार के एस्टेरॉयड पर ध्यान कान्सन्ट्रैट किया है, जिसमें 10.5% पानी और कार्बनिक कम्पाउन्ड होते हैं। यह एस्टेरॉयड फूड पर्डक्शन  के लिए आइडील है।

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बेन्नू जैसे एस्टेरॉयड्स से पानी और कार्बनिक कॉमपुण्ड का नमूना लेने के लिए नासा के ओएसाइरस-आरईएक्स मिशन ने 2018 में दौरा किया था। ऐसे एस्टेरॉयड्स से भविष्य में फूड पर्डक्शन संभव हो सकता है।

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