2050 तक महासागरों में इतनी प्लास्टिक भर जाएगी की मछलियों से अधिक प्लास्टिक होगा।

पिछले 100 वर्षों में वैश्विक तापमान में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। कई वैज्ञानिकों के लिए यह इस बात का प्रमाण है कि ग्लोबल वार्मिंग हो रही है।

1880 के बाद से वैश्विक औसत समुद्र स्तर लगभग 8-9 इंच बढ़ गया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 2100 तक वेनिस शहर पूरी तरह पानी में समा सकता है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस सदी के अंत तक दुनिया की 50% तक प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी।

दुनिया के लगभग 25% coral reefs को अपरिवर्तनीय रूप से नष्ट कर दिया गया है। इसका कारण प्रदूषण है।

दक्षिण-पूर्व एशिया में वनों की कटाई के परिणामस्वरूप प्राकृतिक वन का 80% तक नुकसान हुआ है। यदि यह नहीं रुका तो अगले 20 वर्षो के भीतर  बंदरों की प्रजाति गायब हो सकती है।

मनुष्य हर साल 2 मिलियन टन से अधिक कचरा लैंडफिल में भेजते हैं। प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक वर्ष लैंडफिल में 3,950 टन कचरा भेजेगा। यह लगभग 790 हाथियों के बराबर है।

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