गणेश चतुर्थी पर इस बार बेहद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी पड़ने से इसका खास संयोग बन रहा है।
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि के कार्य करके गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना करें और उत्तर की तरफ मुख करके आसन पर बैठें।
इसके बाद गणेश यंत्र की स्थापना करें और मंत्रों का जप करते हुए चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव करें।
इसके बाद दूर्वा समेत पूजा सामग्री भगवान को अर्पित करें और फिर हाथ में चावल लेकर कथा सुनें।
कथा सुनने के बाद गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं और गणेश चालीसा का पाठ करें।
अंत में घी के दीपक से भगवान गणेश की आरती उतारें। व्रत धारी इस दिन एक समय का ही भोजन करें और पूरे दिन भजन कीर्तिन और दान करते रहें।