जो पक्षी 50 डिग्री की भीषण गर्मी भी आराम से झेल लेता है और कार जैसी रफ्तार से दौड़ता है
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शुतुरमुर्ग दुनिया का ऐसा पक्षी है जो रेगिस्तानी और बेहद गर्म इलाकों में भी आराम से रह सकता है। 45 से 50°C तक तापमान इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता, जबकि इंसान और जानवर गर्मी से बेहाल हो जाते हैं।
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शुतुरमुर्ग उड़ने में असमर्थ है, लेकिन इसकी दौड़ने की क्षमता गज़ब की है। यह 70 किमी/घंटा तक की स्पीड से दौड़ सकता है, जो किसी कार की स्पीड से कम नहीं।
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इसके नरम और ढीले पंख सूरज की सीधी किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं। जब ये अपने पंख फड़फड़ाता है तो शरीर के चारों ओर हवा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे ठंडक मिलती है।
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शुतुरमुर्ग की लंबी टांगें न केवल दौड़ने में मदद करती हैं, बल्कि ये धरती की गर्मी से उसे दूर भी रखती हैं। टांगों की पतली त्वचा से गर्मी बाहर निकल जाती है, जिससे शरीर का तापमान संतुलित रहता है।
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इसके फेफड़े गर्म हवा को बाहर निकालते हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर शरीर को ठंडा बनाए रखते हैं। यही कारण है कि इसे पसीना नहीं आता और पानी की बचत होती है।
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शुतुरमुर्ग की किडनी मूत्र से पानी को फिर से अवशोषित कर लेती है, जिससे पेशाब कम और गाढ़ा होता है। मल में भी नमी नहीं होती, जिससे पानी की बचत होती है और यह कई दिनों तक बिना पानी रह सकता है।
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यह पक्षी अपने भोजन (जैसे पौधे, फल, बीज) से ही नमी हासिल कर लेता है। यहां तक कि खारा पानी पीने पर भी इसकी विशेष ग्रंथियां अतिरिक्त नमक को शरीर से बाहर निकाल देती हैं।
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शुतुरमुर्ग की उम्र 40-50 साल तक होती है। इसके पास केवल दो उंगलियां होती हैं, जो संतुलन और तेज दौड़ में मदद करती हैं। इसकी लात इतनी शक्तिशाली होती है कि शेर जैसे शिकारी को भी घायल कर सकती है। इसके तीन पलकें आंखों को रेतीली आंधियों से बचाती हैं।
हिरण को क्यों नहीं समझ आता कि जिसकी खुशबू वह जंगल-जंगल ढूंढता है, वो अनमोल कस्तूरी तो उसी के भीतर छुपी है — बस अगर वो पहचान जाए, तो सारी बेचैनी पलक झपकते ही दूर हो जाए।